सरकार के पास चावल का भरपूर रहेगा स्टॉक, FCI ने 5 फीसदी बढ़ाकर 416 लाख मीट्रिक टन खरीदा
केंद्र सरकार के पास चावल का पर्याप्त स्टॉक होने की संभावना है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी का कोई खास दबाव नहीं रहेगा। भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 तक राज्यों से 416 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5 फीसदी अधिक है। तेलंगाना से चावल की खरीद में बढ़ोतरी हुई है, जबकि पंजाब और हरियाणा से चावल की खरीद में गिरावट आई है। कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि 2024-25 के खरीफ सीजन में चावल का उत्पादन 6 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 1199.3 लाख मीट्रिक टन तक पहुँच सकता है। एफसीआई के अनुसार, अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 तक चावल की केंद्रीय पूल खरीद 415.91 लाख मीट्रिक टन रही, जो पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 5 फीसदी ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर कोई भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए यह खरीद पर्याप्त है, हालांकि बढ़ते स्टॉक का सही तरीके से प्रबंधन करना चुनौतीपूर्ण हो रहा है क्योंकि सरकार के पास कोई स्थायी उठान नीति नहीं है। एफसीआई के एक पूर्व प्रमुख ने सुझाव दिया है कि चावल के सरप्लस को नियंत्रित करने के लिए एक स्थायी उठाव नीति बनानी चाहिए, क्योंकि वर्तमान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए आवश्यक खरीद से ज्यादा चावल खरीदा जा रहा है। इसके अलावा, इथेनॉल उत्पादन के लिए डिस्टिलरी को चावल बेचने की नीति को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई है, जिसे टाला जा सकता था। इस सीजन में चावल की खरीद तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गुजरात, और उत्तराखंड में समाप्त हो गई है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह फरवरी के अंत तक जारी रहेगी। एफसीआई ने उत्तर प्रदेश से पिछले साल के मुकाबले करीब 7 फीसदी अधिक चावल खरीदा है, जबकि पंजाब और हरियाणा से खरीद में गिरावट आई है। कृषि मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, इस सीजन में चावल का उत्पादन 6 फीसदी बढ़कर 1199.3 लाख मीट्रिक टन तक पहुँचने का अनुमान है, जो पिछले साल 1132.6 लाख मीट्रिक टन था।