बाजरा-ग्राहकी कम के बावजूद मंदा नहीं
बाजरे में ग्राहकी कमी चल रही है, क्योंकि मकई के भाव काफी नीचे होने से खपत वाली कंपनियां इसकी खरीद नहीं कर रही है। मक्की बाजरे में भाव का अंतर काफी ज्यादा हो गया है। दूसरी ओर बाजार में रुपए की तंगी हो रही है, इसलिए खपत बाले उद्योग सस्ता माल खरीद रहे हैं। हालांकि गर्मी वाला बाजरा इस बार 50 प्रतिशत ही निकल रहा है, लेकिन इन सबके बावजूद भी अभी तेजी नहीं है। जो बाजरा 2425/2450 रुपए मौली पर वाला पहुंच में बिक रहा है, इसमें घटने की भी गुंजाइश नहीं है।