भारत द्वारा पीली मटर पर 30% आयात शुल्क का प्रभाव

भारत ने 1 नवंबर 2025 या उसके बाद की बिल ऑफ लोडिंग (BL) तिथि वाली सभी पीली मटर (Yellow Peas) की खेपों पर 30% आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब कनाडा को भारतीय बाजार की सख्त आवश्यकता है, क्योंकि चीन पहले ही कनाडाई मटर के आयात पर रोक लगा चुका है। अब इस निर्णय के बाद, कनाडा को अपने दो सबसे बड़े बाजारों भारत और चीन दोनों में ऊँचे आयात शुल्कों का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि चीन ने मार्च 2025 में कनाडाई मटर पर 100% शुल्क लगा दिया था। इन व्यापारिक अवरोधों का पीली मटर की कीमतों पर स्पष्ट असर देखा जा रहा है कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 34% तक गिर चुकी हैं। हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों में स्प्लिट पी (फूटी मटर) के लिए बाजार मौजूद हैं, लेकिन कनाडा के पास पर्याप्त प्रसंस्करण क्षमता नहीं है। इस कारण, कनाडा की बड़ी मात्रा में पीली मटर अब पशु चारे (फीड) के रूप में उपयोग की जाएगी, जिससे जौ जैसी प्रतिस्पर्धी फीड फसलों की कीमतों पर अधिक दबाव पड़ेगा। पहले से ही अमेरिका में मक्का की भारी फसल के कारण फीड फसलों का बाजार दबाव में है, जिससे प्रतिस्पर्धा और बढ़ जाएगी। हालांकि पीली मटर की कीमतें पहले से ही बहुत नीचे हैं, और आगे इनमें बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है, लेकिन फीड बाजार में उन्हें इन्हीं कम दामों पर प्रतिस्पर्धा करनी होगी। भारतीय बाजार पर प्रभाव भारत के दलहन उद्योग के लिए यह कदम काफी सकारात्मक और राहतभरा है। चूंकि कनाडा से काफी मात्रा में मटर पहले ही रवाना की जा चुकी है, इसलिए मौजूदा खेपों को लेकर कोई चिंता नहीं है। दरअसल, यह नीति कदम भारतीय बाजार को स्थिरता प्रदान कर सकता है क्योंकि अगर यह शुल्क नहीं लगाया जाता, तो अत्यधिक आयात घरेलू कीमतों को और नीचे धकेल सकता था। अब इस फैसले के बाद, केवल पीली मटर ही नहीं, बल्कि अन्य दलहनों की कीमतों में भी तेजी आने की संभावना है।

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