पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र पर एक नया पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और निकटवर्ती म्यांमार तट पर एक निम्न दाब प्रणाली बनी हुई है। इस प्रणाली के साथ एक चक्रवाती परिसंचरण भी बना हुआ है जो समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है। कल से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। उत्तर-पश्चिम भारत: जम्मू और कश्मीर में कल तक गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं, बिजली चमक सकती है और 40-50 किमी/घंटा की गति से तेज़ हवाएँ चल सकती हैं। राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी अगले दो दिनों में गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। पूर्व और मध्य भारत: पश्चिमी मध्य प्रदेश में कल तक गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं, बिजली चमक सकती है और 30-40 किमी/घंटा की गति से तेज़ हवाएँ चल सकती हैं। पश्चिम भारत; मराठवाड़ा में आज गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं और बिजली गिर सकती है। कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र सहित, में दो दिनों के बाद इसी तरह का मौसम रहने की उम्मीद है। दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत: पूरे क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश में अगले दो दिनों में कई जगहों पर बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। तटीय कर्नाटक और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में अगले दो दिनों में बारिश शुरू होने की संभावना है, जो कई दिनों तक जारी रह सकती है। तापमान पूर्वानुमान उत्तर-पश्चिम भारत: अगले 72 घंटों तक न्यूनतम तापमान स्थिर रहेगा, उसके बाद अगले 3-4 दिनों में 3-4�C की क्रमिक गिरावट होगी। मध्य भारत: अगले 48 घंटों तक न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, उसके बाद 3-5�C की क्रमिक गिरावट की उम्मीद है। पश्चिम भारत: अगले 48 घंटों तक न्यूनतम तापमान स्थिर रहेगा, उसके बाद अगले 2-3 दिनों में 2-3�C की गिरावट होगी।