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दाल आयात किसानों के लिए घातक
10 मई 2017

एक तरफ तो सरकार किसानों को ज्यादा से ज्यादा दलहन उत्पाद करने के लिए कहती है और दूसरी तरफ दाल के आयात की छूट दे देती है । इस चक्रव्यूह में किसान मारा जाता है ।
तुवर की इस साल (2016-17 में 224 लाख टन ) रिकॉर्ड पैदावार हुई । जोकि 2015-16 की पैदावार (163 लाख टन) के ऊपर करीब 37% की वृद्धि हुई । फलस्वरूप जो तुवर 100 रुपये/किलोग्राम से ज्यादा दाम में पिछले साल बिकी थी उसकी कीमतें 43/44 रुपये/किलोग्राम आ गयीं ।

कनाडा की पीली मटर जिसको तुवर दाल में मिलाया जाता है उसका आयात भी जोरों पर है । एक लाख टन मुंबई पहुँच चुकी है और करीब 20,000 टन पहुँचने वाला है । इसका सीधा असर तुवर पर पड़ेगा और तुवर की कीमतें वहीं रुकी रहेंगी ।

किसान कब तक रोक पायेंगें अपने उत्पाद को ?

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