सरकार ने भारत चावल और आटे की कीमतें बढ़ाईं, नकद लेन-देन समाप्त
सरकार ने भारत चावल और आटा की खुदरा कीमतों में वृद्धि की है और नकद लेन-देन को समाप्त कर दिया है ताकि वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को नियंत्रित किया जा सके। खुदरा कीमतों को संशोधित किया गया है ताकि आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता और कीमतों को ध्यान में रखा जा सके। खाद्य मंत्रालय ने नाफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार जैसी एजेंसियों से अनुरोध किया है कि वे नकद लेन-देन को स्वीकार न करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उपभोक्ताओं के लिए निर्धारित वस्तुएं कहीं और न चली जाएं। "भारत आटा" की खुदरा कीमत 27.5 रुपये/किलो से 9% बढ़ाकर 30 रुपये/किलो कर दी गई है, जबकि "भारत चावल" की कीमत 34 रुपये/किलो होगी, जो वर्तमान दर से 17% से अधिक है। इस महीने से सरकार "भारत आटा" पर प्रति किलो 2.35 रुपये की सब्सिडी देगी, जिससे खाद्य निगम (FCI) के लिए आटा की प्रभावी मूल्य 20.65 रुपये/किलो होगी। "भारत चावल" पर सरकार प्रति किलो 2 रुपये की सब्सिडी प्रदान करेगी, जिससे एफसीआई के लिए चावल की प्रभावी मूल्य लगभग 22 रुपये/किलो होगी। सब्सिडी की राशि मूल्य स्थिरीकरण कोष से वितरित की जाएगी, जिसके लिए संघीय बजट ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। पिछले वर्ष खाद्य निगम (FCI) के स्टॉक से 3 मिलियन टन (MT) चावल और गेहूं का आवंटन "भारत चावल" और आटा पहल के लिए नाफेड, एनसीसीएफ, केंद्रीय भंडार जैसी एजेंसियों को किया गया था।