सरसों रिपोर्ट
पिछले सप्ताह के दौरान सरसों में मांग की कमी के कारण ₹100 प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में निरंतर गिरावट और सरकारी बिकवाली के चलते सरसों के भाव में दबाव रहा। खाद्य तेलों के भाव में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जबकि खल की मांग भी कमजोर बनी हुई है। इस वर्ष सरसों की बुवाई पिछली वर्ष से काफी पीछे चल रही है। मौसम में प्रतिकूलता और खाद की कमी की वजह से उत्पादन घटने की संभावना जताई जा रही है। राजस्थान और गुजरात में बुवाई में गिरावट देखी जा रही है, राजस्थान में बुवाई पिछले वर्ष से 7.21% और गुजरात में 53% कम है। राजस्थान के कई जिलों में बुवाई 20-25% कम रहने की संभावना है। वर्तमान में सरसों का अधिकांश स्टॉक सरकारी हाथों में है, जिससे मीलों को भविष्य में अच्छी क्वालिटी की सरसों की कमी महसूस हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट के कारण सरसों तेल की कीमत भी ₹4 प्रति किलो घट गई है। इसके अलावा, इम्पोर्टेड तेलों की सप्लाई नवंबर में बढ़ी है, जिससे सरसों तेल की मांग सुस्त पड़ी है। सप्लाई टाइट रहने का अनुमान है, जिसके चलते मिलें अभी भी ऊंचे भाव पर माल पकड़ने के लिए बिड लगा रही हैं, जबकि क्रशिंग मार्जिन कमजोर है। अधिकांश सरसों सरकारी हाथों में होने के कारण, अच्छी क्वालिटी की सरसों की मांग भविष्य में बढ़ेगी। निकट भविष्य में सरसों और सरसों तेल के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति पर निर्भर करेंगे। हालांकि, लंबी अवधि में उत्पादन की चिंता और टाइट सप्लाई के चलते कीमतों में मजबूती की उम्मीद है।