केंद्र ने गेहूं के स्टॉक सीमा में किया बदलाव
भारत सरकार गेहूं की कीमतों पर लगातार नजर रखती है और उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाती है। रबी 2024 में देश में कुल 1132 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) गेहूं का उत्पादन हुआ, जिससे देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने और जमाखोरी एवं सट्टेबाजी जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए, भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़े चेन खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसरों के लिए गेहूं के स्टॉक सीमा लागू की है। निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टॉक सीमा और मूवमेंट प्रतिबंधों को हटाने (संशोधन) आदेश, 2024, जिसे 24 जून 2024 को जारी किया गया था और 9 सितंबर 2024 को संशोधित किया गया, पूरे देश में लागू है। गेहूं के स्टॉक सीमा में प्रमुख बदलाव: व्यापारी/थोक विक्रेता: स्टॉक सीमा को 2000 मीट्रिक टन से घटाकर 1000 मीट्रिक टन कर दिया गया है। खुदरा विक्रेता: अब प्रत्येक खुदरा outlet पर अधिकतम 5 मीट्रिक टन स्टॉक रखने की अनुमति है, जो पहले 10 मीट्रिक टन थी। बड़े चेन खुदरा विक्रेता: उन्हें अब प्रत्येक outlet पर 5 मीट्रिक टन स्टॉक रखने की अनुमति है, और उनके सभी outlets और डिपो में (5 * कुल outlets की संख्या) मीट्रिक टन तक स्टॉक रखने की सीमा है। यह पहले के 10 मीट्रिक टन प्रति outlet और (10 * कुल outlets की संख्या) मीट्रिक टन डिपो में रखने के मुकाबले कम है। प्रोसेसर: प्रोसेसरों के लिए स्टॉक सीमा को उनके मासिक स्थापित क्षमता (MIC) के 60% से घटाकर 50% कर दिया गया है, जिसे आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के अप्रैल तक के शेष महीनों के लिए गणना किया जाएगा। ये संशोधित स्टॉक सीमाएं यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि गेहूं के स्टॉक्स आपूर्ति श्रृंखला में समान रूप से वितरित हों और कृत्रिम कमी को रोका जा सके, ताकि देशभर में गेहूं की उचित कीमतों पर उपलब्धता बनी रहे।