सरसों बाजार रिपोर्ट
आज से ठीक 15 दिन पहले, सरसों अपने 7 महीनों के न्यूनतम भाव पर चल रही थी। जयपुर में सरसों का भाव 6350 रुपये और भरतपुर में 5950 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था। उस समय मलेशिया में पाम तेल का रेट 4512 रिंगिट प्रति टन था। इसके बाद 30 दिसम्बर आते-आते, सरसों के दाम में 300 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई, जबकि पाम तेल में कोई बड़ा उछाल नहीं आया और केवल 100 रिंगिट की बढ़ोतरी ही देखने को मिली। 30 दिसम्बर के बाद, सरसों का भाव फिर से ऊपर के स्तरों से 150-200 रुपये टूट चुका है, जबकि मलेशिया में पाम तेल का भाव इस समय 4350 रिंगिट प्रति टन के आसपास चल रहा है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि वर्तमान में भारतीय बाजार विदेशी बाजारों के उतार-चढ़ाव को पूरी तरह से फॉलो नहीं कर रहा है। न तो पाम तेल के भाव की तेजी का अनुसरण किया गया और न ही मंदी में। बाजार इस समय पूरी तरह से घरेलू परिस्थितियों और बुनियादी तथ्यों पर आधारित है। सरसों की स्टॉक स्थिति: वर्तमान में कुल सरसों का स्टॉक 22 लाख टन से ज्यादा नहीं बचा है। यदि हम 10 लाख टन की औसत खपत मानें, तो यह स्टॉक नई फसल आने से पहले खत्म हो जाएगा। इस 22 लाख टन में से केवल 6.5 लाख टन सरसों किसानों के पास बची है, जबकि नाफेड के पास 11.5 लाख टन और स्टॉकिस्ट के पास लगभग 4 लाख टन सरसों का स्टॉक है। इन आंकड़ों के आधार पर, यह कहा जा सकता है कि इस साल सरसों का स्टॉक कैरी फॉरवर्ड नहीं होगा, और यह बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है। आने वाले समय के लिए संभावनाएं: 15 जनवरी के बाद शादी-विवाह का सीजन शुरू होगा और इसमें सरसों तेल की डिमांड बढ़ने की संभावना है। सर्दियों के मौसम के कारण, अभी भी डिमांड का माहौल ठीक-ठाक है, लेकिन भविष्य में परिस्थितियां बदल सकती हैं। हर साल की तरह बाजार मंदी की ओर जा सकता है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इस बार बड़ी मंदी की उम्मीद नहीं है। इसकी वजह यह है कि एक तरफ सरसों का रकबा घटा है और दूसरी ओर पुराने स्टॉक की कमी है। सरकारी आंकड़े और एमएसपी का प्रभाव: सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल सरसों की बुवाई 93.73 लाख हेक्टेयर से घटकर 88.5 लाख हेक्टेयर रह गई है, और पुराना स्टॉक केवल 22 लाख टन है। साथ ही, बढ़े हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का समर्थन भी सरसों को इस साल मिलेगा। इन सभी तथ्यों को देखते हुए, सरसों में बहुत बड़ी कमजोरी नहीं दिखाई देती है। हालांकि, चूंकि नया सीजन आने वाला है, बाजार में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं की जा सकती। सुझाव: जो व्यापारियों के पास इस समय सरसों का स्टॉक पड़ा है, वे अपना माल निकाल सकते हैं और नए सीजन में माल खरीदकर स्टॉक कर सकते हैं, जिसे आने वाले समय में अच्छे दामों पर बेचा जा सकता है।