बिजाई का क्षेत्रफल घटने से इस वर्ष देश में धनिया की पैदावार कम रहने के आसार

चालू सीजन में गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में धनिया की बिजाई क्षेत्र में कमी आई है, जिसके कारण इस वर्ष धनिया का उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम होने की संभावना है। इसके चलते आगामी समय में धनिया के भावों में मजबूती देखने को मिल सकती है। गुजरात में धनिया की बिजाई इस वर्ष 1.24 लाख हेक्टेयर तक सीमित रही, जो पिछले साल के 2.21 लाख हेक्टेयर से कम है। राजस्थान में भी 48 हजार हेक्टेयर पर बिजाई हुई है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 54 हजार हेक्टेयर था। व्यापारी वर्ग का मानना है कि राजस्थान में बिजाई 55 से 60 प्रतिशत ही हुई है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में भी इस वर्ष बिजाई में 25 से 30 प्रतिशत की कमी देखने को मिल रही है। मौसम की स्थिति भी फसल के लिए प्रतिकूल बन रही है, विशेषकर मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहां कोहरे की स्थिति बनी हुई है और पौधों को पर्याप्त धूप नहीं मिल रही। यदि आगामी सप्ताह में मौसम इसी तरह का रहता है, तो फसल को नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग द्वारा 10-11 जनवरी को इन राज्यों में बारिश की संभावना जताई गई है, जो उत्पादन अनुमान को और भी कम कर सकती है। इस वर्ष देश में धनिया का उत्पादन करीब एक करोड़ बोरी होने की संभावना है, बशर्ते मौसम फसल के अनुकूल रहे। पिछले वर्ष यह आंकड़ा 1.50 से 1.60 करोड़ बोरी था। 2022 में उत्पादन 85 से 90 लाख बोरी और 2021 में 1.10 से 1.15 करोड़ बोरी था। इस वर्ष स्टॉक अधिक है, क्योंकि पिछले वर्ष रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था। उत्पादक क्षेत्रों में धनिया का स्टॉक 40 से 45 लाख बोरी होने की संभावना है, जो कि पिछले वर्ष के 15 से 20 लाख बोरी के मुकाबले काफी अधिक है। गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में 20-25 लाख, 10-12 लाख और 8-10 लाख बोरी के स्टॉक होने का अनुमान है। व्यापारी मानते हैं कि वर्तमान में धनिया के दामों में मंदी की संभावना नहीं है। गुजरात में नए धनिया की आवक जनवरी के अंत तक धीरे-धीरे शुरू हो सकती है, और कम उत्पादन के कारण नए धनिया के भाव ऊंचे रहेंगे। गोंडल मंडी में इस सप्ताह नए धनिया का मुहूर्त व्यापार 360 रुपये प्रति किलोग्राम का हुआ है। 2023 में कम कीमतों के कारण धनिया का रिकॉर्ड निर्यात हुआ। मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-अक्टूबर 2023 के दौरान धनिया का निर्यात 76848.28 टन हुआ, जो कि पिछले वर्ष के 24790.62 टन से काफी अधिक था। 2022-23 के दौरान कुल निर्यात 54481.49 टन था, जबकि 2021-22 में यह आंकड़ा 48656 टन का था। इस प्रकार, उत्पादन में कमी और निर्यात के बढ़ते आंकड़े कीमतों में तेजी को प्रेरित कर सकते हैं।

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