बड़ी इलायची, धनिया, मेथीदाना और अन्य मसालों की कीमतों में स्थिरता, तेजी की उम्मीद नहीं
बड़ी इलायची: कीमत में गिरावट के बावजूद बड़ी इलायची की मांग सुस्त बनी हुई है। इसके कारण बड़ी इलायची (कैंचीकट) का मूल्य 1850 रुपये प्रति किलोग्राम के पूर्व स्तर पर स्थिर बना हुआ है। हाल ही में इसमें 80 रुपये की गिरावट आई थी। 9 जनवरी को हुई आखिरी नीलामी में इसकी औसत नीलामी कीमत 1575/1937 रुपये तक बढ़ गई, जिससे बाजार की धारणा पर असर पड़ सकता है। आगामी एक-दो दिनों में बड़ी इलायची में मंदी का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। धनिया: कीमतों में गिरावट के बावजूद धनिया की बिक्री सुस्त बनी हुई है। इसके परिणामस्वरूप धनिया (बादामी) 8900 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर रहा। हाल ही में इसमें 200 रुपये की गिरावट आई थी। राजस्थान के बारां मंडी में करीब 300 बोरियों की आवक हुई और कीमतें पहले जैसे ही बनी रही। सटोरियों की खरीदारी कम होने से सक्रिय वायदा 38 रुपये या 0.50% घटकर 7542 रुपये पर पहुंच गया। धनिया की बिजाई पिछले सीजन के स्तर से अधिक हो गई है, जिससे बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है। आने वाले एक-दो दिनों में धनिया में तेजी की कोई उम्मीद नहीं है। मेथीदाना: कीमत में गिरावट के बावजूद मेथीदाने की मांग सुस्त बनी हुई है। इसके कारण मेथीदाना 6900 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बना रहा। हाल ही में इसमें 200 रुपये की गिरावट आई थी। राजस्थान की प्रमुख मंडियों में आवक और कीमतें पहले जैसे ही बनी रही। इससे बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है। आगामी एक-दो दिनों में मेथीदानो में लंबी तेजी की संभावना नहीं है। हल्दी: कीमत में गिरावट के बावजूद हल्दी की बिक्री में मामूली सुधार देखा गया है। इसके परिणामस्वरूप हल्दी (ईरोड गट्ठा) 100 रुपये बढ़कर 14,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। हाल ही में इसमें 200 रुपये की गिरावट आई थी। पोंगल के अवसर पर ईरोड मंडी बंद है, लेकिन वहां सोमवार से कामकाज फिर से शुरू होने की संभावना है। सटोरियों की खरीदारी बढ़ने से सक्रिय वायदा 88 रुपये या 0.61% बढ़कर 14,610 रुपये पर पहुंच गया। इससे बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है। हालांकि, आगामी एक-दो दिनों में हल्दी में लंबी तेजी के आसार नहीं हैं। जीरा: कीमतों में गिरावट के बावजूद जीरे की मांग सुस्त बनी हुई है। इसके कारण जीरा 25,100 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर रहा। हाल ही में इसमें 200 रुपये की गिरावट आई थी। ऊंझा में जीरे की आवक घटकर करीब 6-7 हजार बोरियां हो गई और कीमतें पहले जैसे ही बनी रही। सटोरियों की खरीदारी सुस्त पड़ने से सक्रिय वायदा 15 रुपये या 0.07% घटकर 23,040 रुपये पर पहुंच गया। आने वाले एक-दो दिनों में जीरे में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है।