गेहूँ बाजार रिपोर्ट
पिछले सप्ताह, दिल्ली में गेहूँ की कीमत 3,300 रुपये प्रति क्विंटल से शुरू होकर 3,225 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई, जिससे 80 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज हुई। इस गिरावट का कारण गेहूँ की मांग में कमी रही। सुझाव: मुनाफावसूली: यहां से हर बढ़त पर मुनाफावसूली करना जरूरी है। मंदी की संभावना: जब तक सरकार MTF (Minimum Tender Floor) में बिडिंग मात्रा नहीं बढ़ाती, तब तक बाजार में मंदी की कोई बड़ी संभावना नहीं है। बाजार की स्थिति: बुधवार तक दिल्ली लाइन फिर से 3,300 रुपये के ऊपर कारोबार कर सकता है। पॉलिसी में बदलाव: सरकार के जनवरी में टेंडर पॉलिसी में कोई बदलाव की संभावना नहीं है। बाजार की स्थिति: मध्यप्रदेश में गेहूँ की कमी बनी हुई है, जिससे व्यापारियों को माल एकत्र करने में परेशानी हो रही है। पंजाब, मध्यप्रदेश और गुजरात में गेहूँ की आपूर्ति कम है, जबकि उत्तरप्रदेश और बिहार में गेहूँ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। मैदे की बिक्री में कमी आई है और पिछले साल की तुलना में इस साल डिमांड कमजोर रही है। मिलों को इन भावों पर माल नहीं पड़ रहा। OMSS रिपोर्ट: 15 जनवरी को हुए छठे टेंडर में 1.5 लाख टन गेहूँ की पेशकश की गई थी, जिसमें से 1.41 लाख टन की बिक्री हुई। अगला टेंडर 22 जनवरी को होगा, जिसमें 1.5 लाख टन गेहूँ की पेशकश की जाएगी। बिडिंग की मात्रा में कोई बदलाव नहीं हुआ है। राज्यवार बाजार ट्रेंड: उत्तरप्रदेश:हरदोई, गोरखपुर और लखनऊ में गेहूँ के भाव 40 से 70 रुपये तक कमजोर हुए हैं। आटा, मैदा, सूजी: आटा, मैदा और सूजी के भाव में भी 50 रुपये से अधिक की गिरावट रही। फ्लोर मिल: दिल्ली फ्लोर मिलों में भाव 65 रुपये तक कमजोर हुए हैं, और मध्यप्रदेश में भी फ्लोर मिलों के भाव में गिरावट बनी रही है। सरकार के पास पिछले साल की तुलना में अधिक माल उपलब्ध है। दिल्ली लाइन: इस सप्ताह दिल्ली लाइन में 26,000 क्विंटल की आवक हुई, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 2,200 क्विंटल अधिक है। इस सप्ताह दिल्ली लाइन में गेहूँ के भाव 80 रुपये तक कमजोर हुए हैं। सरकार के 50,000 टन माल अधिक उतारने का बाजार पर कोई असर नहीं पड़ा।