सरसों रिपोर्ट

पिछले सप्ताह जयपुर में सरसों सोमवार को ₹6,500 प्रति क्विंटल पर खुली और शनिवार शाम ₹6,375/6,400 प्रति क्विंटल पर बंद हुई, जिससे ₹100 प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। कमजोर मांग के कारण सरसों की कीमतों में गिरावट आई, जबकि उत्पादन के लिए अनुकूल मौसम और पर्याप्त आपूर्ति के बावजूद मांग में कमी बनी रही। तेल और खल के भाव में नरमी से मिलों ने ऊपरी स्तरों पर खरीदारी कम कर दी। वहीं, नाफेड/हाफेड की लगातार बिकवाली से सप्लाई में निरंतरता बनी रही। राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ मंडियों में नई सरसों की आवक शुरू हो गई है, जबकि अधिकांश क्षेत्रों में सरसों अपने विकास के आखिरी चरण में है। मौसम अनुकूल रहने के कारण यील्ड में वृद्धि की संभावना बनी हुई है। इस साल बुवाई में कमी आने के कारण उत्पादन पिछले साल के मुकाबले कम रहने का अनुमान है। जयपुर में कच्ची घानी ₹1,300/1,350 के रेंज में कारोबार कर रही है, और जनवरी के अंत तक इन स्तरों के आसपास बने रहने की संभावना है। इसलिए ₹1,300 पर गिरावट पर खरीदारी और ₹1,350 के आसपास बिकवाली करने की सलाह दी जाती है। खल के भाव ₹2,300 से नीचे गिर गए हैं, जिससे सरसों के भाव में बढ़ोतरी की गुंजाइश कम हो रही है। यहां से नई फसल आने तक सरसों में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए, और खरीदारी से बचने की सलाह दी जाती है। नई फसल की आवक शुरू होने पर जयपुर सरसों ₹6,275 तक फिसल सकती है। होली के बाद आवक बढ़ने के बाद मार्च अंत तक बॉटम बनने के बाद ही सरसों में तेजी देखने को मिल सकती है।

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