सोयाबीन रिपोर्ट
पिछले सप्ताह, सोयाबीन की कीमत सोलापुर (महाराष्ट्र) में सोमवार को ₹4,500 प्रति क्विंटल से शुरू होकर शनिवार शाम ₹4,490 प्रति क्विंटल पर बंद हुई, जिससे ₹10 प्रति क्विंटल की गिरावट आई। मांग में कमी के कारण सोयाबीन की कीमतें पिछले सप्ताह दबाव में रही, और एमएसपी से नीचे बनी रहीं। घरेलू कीमतों को सप्लाई-डिमांड डायनामिक्स और वैश्विक बाजार के दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जिससे प्लांट डिलीवरी कीमतें सीमित दायरे में कारोबार कर रही हैं। सरकारी खरीदारी अपडेट: केंद्र ने पीएसएस (प्राइस सपोर्ट स्कीम) के तहत अब तक 13.7 लाख टन सोयाबीन की खरीद की है। नेफेड ने 9.78 लाख टन और एनसीसीएफ ने 3.94 लाख टन की खरीद की है। राज्यवार खरीद: एमपी: 6.22 लाख टन महाराष्ट्र: 5.39 लाख टन तेलंगाना: 83,075 टन राजस्थान: 67,268 टन गुजरात: 43,210 टन कर्नाटक: 18,282 टन महाराष्ट्र में खरीद अवधि 31 जनवरी और राजस्थान में 14 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। सोयाबीन की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक: सोयाबीन की कीमतें बढ़ते वैश्विक उत्पादन के कारण दबाव में हैं, क्योंकि ब्राजील और अर्जेंटीना में उत्पादन ऐतिहासिक रूप से बढ़ेगा। इसके साथ ही, भारत को सोयामील निर्यात में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, और मार्च के बाद से निर्यात की कोई खास मांग रिपोर्ट नहीं आई है। भविष्य का दृष्टिकोण: वर्तमान प्राइस डायनामिक्स और वैश्विक कारकों के मद्देनजर, सोयाबीन की कीमतें सीमित दायरे में रह सकती हैं। सोयाबीन का वायदा कारोबार शुरू होने से निचले स्तरों पर समर्थन मिल रहा है। सूत्रों के अनुसार, सरकार आने वाले महीनों में सोयाबीन का वायदा व्यापार फिर से शुरू कर सकती है। मार्च तक सोयाबीन के दाम ₹150-200 प्रति क्विंटल तक बढ़ सकते हैं।