बारीक चावल व्यापार में अब जोखिम कम, बाजार में मजबूती
देश के प्रमुख बासमती चावल उत्पादक राज्यों में इस समय बासमती धान की आपूर्ति एक चौथाई रह गई है, जिससे चावल बाजार में कुछ मजबूती देखने को मिल रही है। राइस मिलों में तैयार माल की बिक्री में थोड़ी सी वृद्धि के साथ ही बाजार में सुधार हुआ है। पिछले कुछ दिनों से मंदी के बाद, देर शाम तक सभी प्रकार के बारीक चावल में मजबूती आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि भविष्य में निर्यातों की मांग में सुधार आता है, तो वर्तमान में जो नीचे वाले भाव चल रहे हैं, वे अब देखने को नहीं मिलेंगे। इसलिए व्यापारियों को इस समय के भाव पर व्यापार करने की सलाह दी जा रही है, और कुछ दिनों का इंतजार भी लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, भारतीय चावल विदेशों में सबसे सस्ता पड़ रहा है, जिससे निर्यातकों से पूछताछ में भी वृद्धि हुई है। हाल ही में चावल उद्योग में भुगतान संकट को लेकर जो अफवाहें फैली थीं, उनका भी विपरीत असर बाजार पर पड़ा था, लेकिन अब स्थिति में सुधार हो रहा है।