बारीक चावल में मंदी नहीं, साठी धान की फसल फेल होने से आपूर्ति संकट
बारीक चावल के बाजार में फिलहाल किसी बड़ी मंदी के संकेत नहीं दिख रहे हैं। प्रमुख कारण यह है कि इस बार साठी धान की फसल पूरी तरह से विफल रही है, जिससे चावल मिलिंग के लिए पर्याप्त कच्चा माल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। अगली खरीफ सीजन की फसल आने तक बाजार में माल की शॉर्टेज बनी रहेगी। हालांकि, निर्यातकों की मांग अभी अपेक्षित रूप से तेज नहीं है, लेकिन जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सौदे हो रहे हैं और निर्यात मांग निकल रही है, वैसे-वैसे घरेलू बाजार में सुधार देखने को मिल रहा है। नीचे के भावों से बाजार ने दिखाई मजबूती हाल के दिनों में चावल बाजार में जो कमजोरी थी, वह अब कमजोर स्तर से पलट कर मजबूती की ओर बढ़ रही है। व्यापारियों का अनुमान है कि जुलाई के अंत तक चावल में करीब ₹500 प्रति क्विंटल तक की तेजी आ सकती है। अंतरराष्ट्रीय हालात भी सुधार की ओर पिछले कुछ महीनों में चावल निर्यात पर असर डालने वाले प्रमुख कारणों में युद्धग्रस्त देशों की स्थिति रही है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई थी। लेकिन अब जैसे-जैसे वहां हालात सामान्य हो रहे हैं, चावल का निर्यात फिर से पटरी पर लौटता दिख रहा है। साठी धान की फसल विफल रहने और निर्यात की मांग में धीरे-धीरे आ रहे सुधार के चलते बारीक चावल के बाजार में आने वाले सप्ताहों में अच्छी मजबूती देखने को मिल सकती है। मंडियों में फिलहाल किसी बड़ी गिरावट की संभावना नहीं दिख रही है।