रूस ने सूरजमुखी तेल, बीज और खल पर निर्यात शुल्क 2028 तक बढ़ाया

रूस ने घरेलू तेल उद्योग को बढ़ावा देने, खाद्य तेल की कीमतों को स्थिर रखने और उपभोक्ताओं के लिए निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सूरजमुखी तेल, बीज और खल पर निर्यात शुल्क अगस्त 2028 तक बढ़ा दिया है। सूरजमुखी बीज पर 50% निर्यात शुल्क (न्यूनतम 32,000 रूबल प्रति टन) जारी रहेगा, जबकि सूरजमुखी तेल और खल पर शुल्क बाजार दरों से जुड़ी फ्लोटिंग दर प्रणाली के तहत लागू रहेगा। यह कदम घरेलू तेल प्रसंस्करण उद्योग को समर्थन देने, पशुधन के लिए पर्याप्त खल आपूर्ति सुनिश्चित करने और दीर्घकालिक बाजार स्थिरता प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। उत्पादन और प्रसंस्करण दक्षता में वृद्धि रूस, जो दुनिया के प्रमुख सूरजमुखी तेल निर्यातकों में से एक है, ने 2024�25 में 5.10 लाख टन सूरजमुखी तेल निर्यात किया था और इस सीजन में 5.20�5.30 लाख टन के निर्यात की उम्मीद कर रहा है। सूरजमुखी खल का निर्यात 2.60 लाख टन से बढ़कर 3.10 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं, प्रसंस्करण संयंत्रों की उपयोग दर 87% तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7% की वृद्धि है। रिकॉर्ड बुवाई, उत्पादन में मामूली गिरावट सूरजमुखी की खेती का क्षेत्रफल 1.12 मिलियन हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो रूस के इतिहास में सबसे अधिक है। हालांकि, दक्षिणी क्षेत्रों में सूखे की स्थिति के कारण उत्पादन अनुमान 17,800 टन से घटकर 17,500 टन रह गया है।

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