दिल्ली में गेहूँ की कीमतों पर नरमी, अधिक आपूर्ति का प्रभाव

दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बाजारों में गेहूँ की आपूर्ति और उपलब्धता आरामदायक बनी रही, जबकि मांग अपेक्षाकृत कम रही। रबी सीजन की इस सबसे महत्वपूर्ण फसल की बुवाई तेज़ी से आगे बढ़ रही है, और प्रारंभिक संकेत बताते हैं कि कुल बोई गई क्षेत्रफल एक नया रिकॉर्ड बना सकता है। इससे उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। दिल्ली बाजार पिछले सप्ताह दिल्ली में गेहूँ के दाम ₹25 गिरकर ₹2780-2800 प्रति क्विंटल पर आ गए। डबरा में कीमतें ₹45 घटकर ₹2550-2580, इटारसी में ₹70 गिरकर ₹2350-2450, और कोटा में ₹85 कम होकर ₹2400-2535 प्रति क्विंटल हो गईं। हालाँकि, कुछ क्षेत्रों में गेहूँ के भाव मजबूत हुए मध्य प्रदेश के उज्जैन में ₹100 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी दर्ज की गई, राजस्थान के बूंदी में ₹40 की वृद्धि हुई, और खंडवा में भी ₹50 प्रति क्विंटल की बढ़त रही। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान दिल्ली में प्रतिदिन 5,000-7,000 बोरी गेहूँ की आमद हुई। इसी तरह गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में भी मजबूत आपूर्ति देखी गई। बिक्री गतिविधि भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने 12 नवंबर से ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत गेहूँ की नीलामी शुरू की, लेकिन मिलर्स और प्रोसेसरों की रुचि सीमित रही। 2 लाख टन के ऑफर के मुकाबले केवल 73,000 टन गेहूँ ही बिक सका। उत्पादन परिदृश्य गेहूँ पर स्टॉक लिमिट लागू है और अगली फसल के उत्कृष्ट होने की उम्मीद है। सरकार ने 2024-25 सीज़न के लिए 117.9 मिलियन टन का रिकॉर्ड उत्पादन अनुमानित किया है। इससे बाजार पर दबाव बने रहने की संभावना है। कई क्षेत्रों में कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के आसपास या उससे नीचे पहुंच गई हैं। ऐसे में मौजूदा रिज़र्व प्राइस पर FCI के लिए अपना स्टॉक बेचना मुश्किल हो सकता है।

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