मक्का बाजार मजबूत आधार पर: सप्लाई टाइट, डिमांड बनी हुई
मक्का बाजार इस समय संतुलित लेकिन मजबूत स्थिति में है। पहले जहां भाव अधिकतर खबरों और अटकलों से तय होते थे, अब बाजार वास्तविक खरीद-बिक्री के आधार पर संचालित हो रहा है। कुछ मंडियों में आवक के कारण दबाव देखा गया, जबकि अन्य जगहों पर भाव टिके रहे या बढ़त दर्ज की गई। कुल मिलाकर, बाजार वास्तविक मांग के इर्द-गिर्द स्थिर हो रहा है। मध्य प्रदेश में मंडी भाव: मध्य प्रदेश की मंडियों में भावों का दायरा काफी चौड़ा रहा। खंडवा में मक्का 1,401-1,783 रुपये पर ट्रेड हुआ, जिसमें लगभग 17 रुपये की मामूली कमजोरी रही। धामनोद में भाव 1,101-1,812 रुपये रहे, जहां हल्का दबाव दिखा। देवास में लगभग 50 रुपये की गिरावट के साथ 1,400-1,850 रुपये पर कारोबार हुआ। इसके विपरीत, सनावद में मजबूती दिखी और भाव 1,592-1,719 रुपये तक बढ़ गए। पिपरिया लगभग 1,625 रुपये पर स्थिर रहा, जबकि इंदौर में बिल्टी रेट 1,700-1,800 रुपये के दायरे में लगभग 50 रुपये मजबूत हुए। ये उतार-चढ़ाव स्पष्ट रूप से गुणवत्ता और आवक के आधार पर चयनात्मक खरीद को दर्शाते हैं। राजस्थान मंडी ट्रेंड्स: राजस्थान की मंडियों में भी मिश्रित रुझान दिखे। बारां में भाव लगभग 34 रुपये गिरकर 1,400-1,851 रुपये पर आ गए। कोटा में भाव 1,700-2,000 रुपये के दायरे में स्थिर रहे, जो लगातार मांग को दर्शाता है। जोधपुर लगभग 2,050 रुपये पर टिके रहे, जहां सीमित आवक और निरंतर खरीद ने समर्थन दिया। महाराष्ट्र और गुजरात में प्रोसेसिंग और फीड मार्केट: महाराष्ट्र और गुजरात की प्रोसेसिंग और कैटल फीड मार्केट ने मक्का बाजार को मजबूती प्रदान की। सांगली 2,125 रुपये पर स्थिर रहा, जबकि मिरज (सह्याद्री स्टार्च) 1,900 रुपये पर टिक गया। बरामती कैटल फीड CC पेमेंट पर 2,000 रुपये पर कारोबार हुआ। शिरूर और श्रीरामपुर में मजबूत खरीद से भाव लगभग 130 रुपये बढ़े। गुजरात के बवला (Grainspan) में 1,910�1,920 रुपये पर 10 रुपये की तेजी रही, और विरमगाम (Roquette) में 2,040 रुपये पर 20 रुपये की बढ़त हुई। अंकलेश्वर में हल्की कमजोरी 1,880 रुपये पर देखी गई, लेकिन कुल मिलाकर प्रोसेसिंग लाइन मजबूत रही। दक्षिण और इंडस्ट्रियल साइड: NCDEX ईरोड में भाव 2,125 रुपये पर स्थिर रहे। इंदौर के तिरुपति स्टार्च में लगभग 25 रुपये की गिरावट के साथ भाव 1,875 रुपये पर थे। खुटबाव के ओम चिक्स में भी 30 रुपये की मामूली कमजोरी दर्ज की गई और भाव 2,020 रुपये रहे। ये सुधार अधिकतर तकनीकी हैं, मांग से नहीं। आवक की स्थिति: उत्तर प्रदेश और बिहार से पुरानी आवक लगभग खत्म हो चुकी है। वर्तमान बाजार मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र से आने वाले माल पर आधारित है। आवक में असमानता के कारण उसी राज्य में 30-50 रुपये तक उतार-चढ़ाव देखे जा रहे हैं। कुल मिलाकर, सप्लाई अभी भी टाइट है। मांग विश्लेषण: मांग अभी भी मक्का बाजार की रीढ़ बनी हुई है। कैटल फीड, पोल्ट्री, स्टार्च और एथेनॉल सेक्टर लगातार मक्का खरीद रहे हैं। बाजरे की तुलना में मक्का सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने के कारण कैटल फीड में इसका उपयोग बढ़ रहा है। इसके अलावा, DDGS के बढ़ते निर्यात ने घरेलू सप्लाई को टाइट किया है, जिससे खराब क्वालिटी के भाव भी अधिक नीचे नहीं जा रहे। नीति और बाजार भावना: नीति के मोर्चे पर मक्का सुरक्षित है। भारत-न्यूज़ीलैंड FTA में मक्का को टैरिफ कट से बाहर रखा गया है, जिससे आयात से दबाव नहीं बनेगा। साथ ही, NCDEX मक्का फ्यूचर्स में लिक्विडिटी बढ़ाने की चर्चा से बाजार की धारणा और मजबूत हुई है। निष्कर्ष: मक्का बाजार वर्तमान में एक संतुलित और समायोजित चरण में है न तो बहुत तेजी, न ही बहुत कमजोरी। निचली तरफ़ जोखिम सीमित है, क्योंकि खरीदार कम भाव पर सक्रिय हैं। वहीं, स्थिर मांग के चलते ऊपर की ओर धीरे-धीरे बढ़त बन सकती है। गुणवत्ता वाले मक्का में आने वाले दिनों में बेहतर भाव मिलने की संभावना है। किसान और व्यापारी अपने सौदे समझदारी से करें, रेट, लाइन और पेमेंट कंडीशन का ध्यान रखें और जल्दबाज़ी से बचें।