हल्दी बाजार अपडेट

हालांकि हल्दी की बुआई अधिक हुई थी, लेकिन हाल के दिनों में लगातार हुई बारिश ने निजामाबाद लाइन में लगभग 40% नुकसान कर दिया है। तमिलनाडु में भी 30-35% हल्दी की गांठें सामान्य से छोटी बताई जा रही हैं, जो मिट्टी के अंदर पड़ी हैं। इस बीच, बाजार में कड़ी नकदी की कमी और वर्षों से व्यापारियों को हुए भारी नुकसान के कारण, पुराना माल सस्ते भाव में बिक रहा है। मंडियों में उत्पादक अब ₹144-145 प्रति किलो बोलने लगे हैं, जिससे इस स्तर पर अच्छे लाभ दिखाई दे रहे हैं। वायदा बाजार में तेजी के कारण पिछले दो दिनों में सटोरियों की मांग बढ़ गई है। परिणामस्वरूप, हाजिर हल्दी के भाव भी मजबूत हुए हैं, और आने वाले दिनों में लगभग ₹10 प्रति किलो की बढ़ोतरी की संभावना है। ताजा सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, निजामाबाद मंडी में 50-60 बोरी नई हल्दी आई, जो पूरी तरह सड़ी हुई पाई गई। इससे 40% नुकसान का अनुमान सही साबित होता है। यह नुकसान मुख्य रूप से असामयिक अक्टूबर की बारिश के कारण हुआ, जिसने अधिक बुआई वाले क्षेत्रों को प्रभावित किया। इसके अलावा, जब गांठें जमीन के अंदर विकसित होती हैं, तो अत्यधिक पानी के कारण ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे कई क्षेत्रों में हल्दी सड़ गई। मुख्य उत्पादन क्षेत्रों एरोड, वारंगल, डुग्गीराला, कडप्पा और महाराष्ट्र (सांगली, निजामाबाद लाइन)के व्यापारी और किसान अब 35-40% कम आवक वाले भाव बोल रहे हैं। इस महीने में वायदा बाजार लगातार सक्रिय रहा, जिससे हाजिर माल सीमित हुआ क्योंकि विक्रेता पीछे से माल नहीं ला रहे हैं। वर्तमान में, एरोड-वारंगल एज हल्दी ₹151-152 प्रति किलो में बोली जा रही है, और इस स्तर पर माल की उपलब्धता कम है। मांग बढ़ने पर भाव ₹10 प्रति किलो तक उछल सकते हैं। पिछली महीने हल्दी के भाव ₹142-143 प्रति किलो थे। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हल्दी की फसल में पानी नहीं लगना चाहिए, लेकिन कुछ क्षेत्रों में पिछले महीने कई दिनों तक बारिश हुई। सांगली लाइन में भी यही स्थिति रही, जिससे आगे और तेजी की संभावना दिखाई दे रही है। हाल के मौसम के प्रभाव को देखते हुए, नई हल्दी की आवक आने से पहले हाजिर बाजार में ₹168-170 प्रति किलो बिक सकती है।

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