गुजरात में बिजाई क्षेत्र घटने के बावजूद कपास का उत्पादन 10-12 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद

देश के सबसे प्रमुख रुई उत्पादक राज्य- गुजरात में बिजाई क्षेत्र कुछ घटने के बावजूद कपास उत्पादन 2021-22 के सीजन में 10-12 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। अक्टूबर 2021 से कपास का नया मार्केटिंग सीजन आरंभ होगा जो सितम्बर 2022 तक जारी रहेगा। हाल की वर्षा से कपास की फसल को काफी फायदा हुआ है और अब वहां मौसम काफी हद तक अनुकूल हो गया है जिससे औसत उपज दर में काफी सुधार आने के असर हैं। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों से पता चलता है कि गुजरात में 2016-17 के सीजन में 89 लाख गांठ, 2017-18 में 105 लाख गांठ, 2018-19 में 88 लाख गांठ, 2019-20 में 95 लाख गांठ तथा 2020-21 के सीजन में 93.50 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ। ज्ञात हो कि कपास की प्रत्येक गांठ 170 किलो की होती है। एक अग्रणी व्यापार विश्लेषक के अनुसार चालू सीजन में अब तक गुजरात में मौसम की हालत कपास की फसल के लिए अनुकूल बनी हुई है इसलिए ऊंची औसत उपज दर के साथ वहां रुई का कुल उत्पादन 10 प्रतिशत बढ़ सकता है। विश्लेषक ने 2021-22 के सीजन में गुजरात में कपास का उत्पादन बढ़कर 105 लाख गांठ पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जो गत सीजन (2020-21) के उत्पादन 93.50 लाख गांठ से 11.50 लाख गांठ ज्यादा है। कृषि विभाग के अनुसार गुजरात में कपास का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष 23.00 लाख हेक्टेयर रहा था जो चालू वर्ष में करीब 50 हजार हेक्टेयर घटकर 22.51 लाख हेक्टेयर के आसपास रह गया। फिलहाल गुजरात के किसी भी भाग में कपास की फसल पर कीड़ों-रोगों के प्रकोप की कोई सूचना नहीं है और फसल का विकास बेहतर ढंग से हो रहा है। हाल की बारिश काफी फायदेमंद साबित हो रही है। महाराष्ट्र, तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश में भी कपास की फसल काफी अच्छी हालात में बताई जा रही है।

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