9400 रुपए क्विंटल हुआ सरसों का भाव, आगामी सीजन में दोगुने से अधिक हो सकती है पैदावार

आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि के बाद मूंगफली तेल के भाव मजबूत हो गए. मूंगफली के महंगा होने से गुजरात में बिनौला की मांग बढ़ गई जिसकी वजह से बिनौला तेल का भाव लाभ के साथ बंद हुआ. सरकार को सरसों की खेती के समय बिजाई के लिए अभी से बीज का इंतजाम करना चाहिए ताकि बिजाई के ऐन वक्त में बीज की कमी नहीं हो. सूत्रों ने बताया कि हाल में सरसों के जो दाम किसानों को मिले हैं, उसे देखते हुए सरसों की अगली पैदावार लगभग दोगुने से भी अधिक होने का अनुमान है. बाजार जानकारों के मुताबिक सलोनी, आगरा, कोटा में सरसों 9,300 रुपये से बढ़कर 9,400 रुपये क्विंटल तक सौदे किये गये. विदेशी बाजारों में कमजोरी के रुख के बीच सरकार द्वारा खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य बढ़ाए जाने से एक ओर जहां विदेशों में खाद्यतेल कीमतों में गिरावट आई, वहीं दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में गुरुवार को खाद्य तेल कीमतों में सुधार का रुख देखा गया. सरकार ने बुधवार रात को कच्चा पाम तेल के आयात शुल्क मूल्य में 185 रुपये प्रति क्विन्टल की वृद्धि की जबकि सोयाबीन डीगम तेल का आयात शुल्क मूल्य 183 रुपये और पामोलीन तेल का आयात शुल्क मूल्य 235 रुपये क्विन्टल बढ़ा दिया गया. इस वृद्धि के बाद विदेशों में जहां खाद्यतेलों के भाव टूटते दिखाई दिए, वहीं स्थानीय बाजार में खाद्य तेलों के भाव मजबूत हो गए. आयात शुल्क पर ही आयातित तेलों की शुल्क गणना की जाती है. मलेशिया में बाजार बंद रहे जबकि शिकागो में भाव आधा प्रतिशत नीचे बोले गए.

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