मध्य प्रदेश के किसान घर से ही बेच सकेंगे अपनी उपज

मध्य प्रदेश के किसान अब घर से अपनी उपज बेच सकेंगे. इसके लिए मंडी बोर्ड की ओर से ही पहल की जा रही है. दरअसल कोरोना संकट काल में मध्य प्रदेश की मंडियां बंद रहने पर सरकार ने व्यापारियों को किसान के घर से ही फसल खरीदने की छूट दे दी थी. इस सिस्टम से किसानों और व्यापारियों की भागीदारी से अच्छे परिणाम‌ सामने आने लगे. जिसके बाद सरकार मोबाइल ऐप के जरिए खरीदी की व्यवस्था को स्थायी रूप देने जा रही है. राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने सर्कुलर जारी कर एंड्रॉयड मोबाइल ऐप (सौदा पत्रक) के जरिए मंडी के बाहर फसल की खरीद-फरोख्त किए जाने के लिए सभी मंडी सचिवों को निर्देश दिए हैं. किसानों को मंडी जाने से मिलेगा छुटकारा गौरतलब है कि मध्य प्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में किसानों की कृषि उपज सौदा पत्रक माध्यम से क्रय किए जाने का प्रावधान है. इस व्यवस्था में व्यापारी मंडी के बाहर भी किसान की सहमति से फसल खरीद सकेंगे. इससे किसान को मंडी तक आने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा. साथ ही सरकार को मिलने वाले मंडी शुल्क में भी कमी नहीं होगी. मध्यप्रदेश में किसानों की गेहूं और धान जैसी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सहकारी समितियों के जरिए खरीदी की जाती है. इसके अलावा व्यापारी मंडी में बोली लगाकर कृषि उपज खरीदते हैं. किसानों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए सौदा पत्रक एंड्रॉयड मोबाइल ऐप (Souda-Patrak Mobile App) तैयार किया‌ गया है. इसके तहत मंडी बोर्ड/मंडी समिति से एनओसी लेकर व्यापारियों को मंडी के बाहर सीधे किसानों से फसल का खरीदने की इजाजत दी गई है. सरकारी दरों पर उपज बेचने के लिए 14 अक्टूबर तक करें रजिस्ट्रेशन मध्य प्रदेश में खरीफ फसलों की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन का काम शुरू हो गया है. अगर किसान सरकारी दरों पर अपनी उपज को बेचना चाहते हैं तो उन्हें ई-उपार्जन पोर्टल पर 14 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है. यह प्रक्रिया 15 सितंबर से शुरू हो चुकी है. पिछले वर्ष मध्य प्रदेश ई-उपार्जन रजिस्ट्रेशन कृषि उपज मंडियों के माध्यम से होता था. इस कारण किसानों को तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इसी वजह से राज्य सरकार ने इस बार किसानों को घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा दे दी है.

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