अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी भारतीय ‘लाल सोना’ की कीमत, किसान और व्यापारियों को बंपर मुनाफा
अफगानिस्तान में तालिबान संकट के बाद भारत से निर्यात होने वाले केसर की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में आसमान छू रही है. जिस केसर की कीमत कुछ महीने पहले तक 1.4 लाख रुपए प्रति किलो तक थी, वह अब 2.25 लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है. अफगानिस्तान भारत, ईरान के बाद केसर उत्पादन और निर्यात के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश है. भारत में केसर की खेती केसर जम्मू और कश्मीर के चार जिलों- पुलवामा, बडगाम, श्रीनगर और किश्तवाड़ में होती है. पुलवामा जिले का पंपोर ने सबसे अच्छी गुणवत्ता वाला केसर उगाने के लिए जाना जाता है. कश्मीर घाटी 12 मीट्रिक टन केसर का उत्पादन करती है, जिसका उपयोग भोजन, इत्र, रंगों और दवाओं आदि के लिए किया जाता है. भारत में जम्मू-कश्मीर सबसे बड़ा उत्पादक राज्य लाल सोना के नाम से मशहूर केसर की खेती मई में शुरू होती है और अक्टूबर तक फसल पककर तैयार हो जाती है. भारत में लगभग 5,000 हेक्टेयर में इसकी खेती होती है. जम्मू-कश्मीर कृषि विभाग के अनुसार प्रदेश में औसतन 17 मिट्रिक टन (170 क्विंटल) केसर की पैदावार हर साल होती है. 160,000 फूलों से लगभग एक किलो केसर निकलता है और प्रदेश के 16,000 किसान परिवार इसकी खेती से जुड़े हुए हैं. प्रदेश में इस समय लगभग 3,700 हेक्टेयर क्षेत्र में केसर की खेती हो रही और इससे लगभग 32,000 किसान जुड़े हैं.