विश्व में बढ़ रही है भारतीय गेहूं की मांग

इस बार दुनिया के कई देशों में गेहूं का उत्पादन कम हुआ है, जिसकी वजह से भारतीय गेहूं की मांग बढ़ी है. कई देश गेहूं की आपूर्ति करने हेतु भारत द्वारा निर्यात किए जा रहे गेहूं पर ही आश्रित हैं. वहीं, इसके विपरीत भारत में अधिक मात्रा में गेहूं का उत्पादन हुआ है, जिसकी वजह से भारत विश्व स्तर पर गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरकर सामने आ रहा है.

एपीडा के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के दौरान गेहूं का निर्यात १.१ मिलियन टन हो चुका है. इसका मूल्य 2,142 करोड़ रुपये था. एक साल पहले इसी अवधि के दौरान, निर्यात 0.11 मिलियन टन था और इस निर्यात की कीमत 234 करोड़ रुपये थी.

पिछले वर्ष कितना हुआ था निर्यात वहीं, जिस तरह विश्व स्तर पर भारतीय गेहूं की मांग में इजाफ़ा हुआ है, उसे ध्यान में रखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि इस बार पिछले साल का भी रिकॉर्ड टूट सकता है. इससे पहले वित्तीय वर्ष 2014-15 में सबसे अधिक २.९ मिलयन गेहूं का निर्यात किया गया था. अब इस वर्ष भारत विश्व बाजार में इस बार कितनी मात्रा में गेहूं का निर्यात करता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.

पश्चिम एशिया के देशों को गेहूं का सर्वाधिक मात्रा में निर्यात किया जा रहा है, जिसमें इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, कतर समेत कई देश शामिल हैं.

Insert title here