उत्तर प्रदेश में आलू की गिरती कीमतों से किसान परेशान

बाजार में आलू की कीमतों में भले ही कोई बदलाव न दिख रहा हो, लेकिन थोक बाजार में कीमत कम होने से उत्तर प्रदेश के किसान परेशान हैं. पिछले साल किसानों को आलू की अच्छी कीमत मिली थी जिसे देखते हुए आलू का रकबा बढ़ा और उत्पादन भी. इसका नतीजा यह हुआ कि अब किसान लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं. कोल्ड स्टोरेज में आलू डंप पड़ा है, कीमत न मिलने से उसे कोई निकाल ही नहीं रहा.

जिस आलू की कीमत पिछले साल लॉकडाउन के समय 35 से 40 रुपए प्रति किलो थी, उसकी कीमत इस समय 5 से 7 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है. कीमत न मिलने से परेशान किसान कोल्ड स्टोर में रखा आलू निकाल ही नहीं रहे. पिछली बार कीमत अच्छी मिली थी तो रकबा बढ़ा दिया था, लेकिन बहुत नुकसान हो रहा है. खुदरा बाजार में तो कीमत वैसे ही है लेकिन थोक भाव में बहुत गिरावट आई है. 500-700 रुपए क्विंटल का रेट मिल रहा है जिससे बहुत घाटा हो रहा.

बीते तीन-चार महीनों से आलू की कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है. किसानों के साथ-साथ कोल्ड स्टोरेज के संचालक भी परेशान हैं. सितंबर का महीना खत्म होने वाला है लेकिन किसान आलू की निकासी नहीं कर रहे हैं.

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