सिंगापुर के बाद भारत ने नेपाल एक्सपोर्ट किया काला नमक चावल

पूर्वांचल में खेती की नई पहचान बनकर उभर रहे काला नमक चावल (Kala Namak Rice) का इस साल भी एक्सपोर्ट शुरू हो गया है. सिंगापुर के बाद रविवार को इसे नेपाल एक्सपोर्ट किया गया.

नेपाल ने 40 टन की मांग की थी लेकिन अभी वहां पर 10 टन काला नमक चावल ही एक्सपोर्ट (Export) किया गया है. इससे पहले पिछले महीने सिंगापुर को 35 टन भेजा गया है. जबकि पिछले साल वहां सिर्फ 22 टन एक्सपोर्ट हुआ था. इस चावल में शुगर बहुत कम है और जिंक की अच्छी मात्रा है.

इस चावल में एक्सपोर्ट की अपार संभावनाएं हैं. क्योंकि यह ऐतिहासिक रूप में गौतम बुद्ध से जुड़ा हुआ है. इसे म्यांमार, भूटान, श्रीलंका, जापान, ताइवान, कंबोडिया, थाइलैंड और सिंगापुर जैसे देशों में प्रमोट करने से काफी फायदा मिल सकता है, जहां बौद्ध धर्म के अनुयायी अधिक हैं.

पूर्वांचल के 11 जिलों को इसका जियोग्राफिकल इंडीकेशन (GI) टैग मिला हुआ है. इनमें सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, संत कबीरनगर, गोंडा, श्रावस्ती, देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर और महराजगंज शामिल हैं. इनमें 2030 तक जीआई वैलिड है. जबकि इसे सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, महराजगंज, बस्ती और संतकरीबर नगर का एक जिला एक उत्पाद (ODOP) भी घोषित कर दिया गया है. यह इन जिलों की नई पहचान है.

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