एमएसपी पर धान बेचने वाले किसानों के लिए नई व्यवस्था, जिस तहसील में होगी जमीन, वहीं बेच सकेंगे धान

प्रदेशभर की मंडियों में एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू होने जा रही है. नई व्यवस्था के तहत किसान की जमीन जिस तहसील में होगी, वे वहां की मंडियों में ही धान बेच पाएंगे. इससे पहले किसान तीन-चार तहसीलों की जमीन को एक कर एक साथ धान बेचते थे, लेकिन खरीफ विपणन सत्र 2021-22 में किसान ऐसा नहीं कर पाएंगे.

आधार, बैंक से लिंक नंबर से पंजीकरण होना जरूरी सरकारी दर पर धान बेचने वाले किसानों को पंजीकरण भी उसी नंबर से कराना होगा जो उनके बैंक और आधार खातों से लिंक होगा. अगर दूसरा कोई नंबर दिया तो रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है. सी तरह अब किसान अपने परिवार के उसी व्यक्ति को नामित कर सकता है जिसे वा कानूनी रूप से सिद्ध कर सकेगा. अब किसान कोई भी मोबाइल नंबर रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाएंगे. ऐसा कई बार देखा गया था किसान की जगह कोई और उपज बेचने चला जाता है. इस धांधली को रोकने के लिए ऐसा किया गया है. ऐसे में अगर किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के समय कोई दूसरा नंबर डाला हो तो उसे बदलना होगा.

एक अक्टूबर से 28 फरवरी तक चलेगी खरीद मंडियों में सरकारी दर पर धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होगी जो 28 फरवरी तक चलेगी. लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर तथा सम्भाग बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी जनपद में 1 अक्टूबर से 31 जनवरी 2022 तक जबकि लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव व चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मण्डलों में 01 नवंबर से धान की खरीद शुरू होगी जो 28 फरवरी 2022 तक चलेगी.

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