मध्य प्रदेश ने पंजाब को पीछे छोड़ा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सूबे में पहले 6 से 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती थी. लेकिन पिछले 18 वर्ष में इसकी वृद्धि 43 लाख हेक्टेयर तक हो गई है. हमारा लक्ष्य 65 लाख हेक्टेयर का है. सरकारी और निजी दोनों साधनों से इस वक्त सूबे में लगभग एक करोड़ आठ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई (Irrigation) हो रही है. भरपूर सिंचाई से ही एमपी कृषि के मामले में अग्रणी राज्यों में शामिल हो चुका है. सिंचाई की सुविधाएं और बढ़ाई जाएंगी, क्योंकि इसी ने कृषि (Agriculture) की काया पलटी है. प्रदेश में 11 जलवायु क्षेत्र हैं. हमारी गेहूं की गुणवत्ता विश्वविख्यात है. गेहूं उत्पादन में हमने पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है.

सोयाबीन का सबसे बड़ा उत्पादक वर्तमान में सोयाबीन ऑयल (Soybean Oil) का आयात बढ़ने से देश पूंजी का खर्च हो रहा है. इस नाते सोया प्रसंस्करण इकाइयों की शुरुआत मायने रखती है. किसानों से कच्चा माल लेकर उनके प्रोडक्ट का वेल्यू एडिशन कर उन्हें लाभ दिलवाने के लिए ऐसी इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा. सोयाबीन के रकबे में वृद्धि होगी तो किसान लाभान्वित होंगे. मध्य प्रदेश सोयाबीन का सबसे बड़ा उत्पादक है. यह यहां की प्रमुख फसल है.

Insert title here