बारिश से दलहन फसल को हो सकता है नुकसान। जाने कैसा रहेगा आगे व्यापार

दलहन उत्पादक इलाकों में बारिश से फसल में देरी/नुकसान की आशंका से दलहन बाजार में मजबूती आ सकती है। महाराष्ट्र के अमरावती में अच्छी बारिश की गई दर्ज; तुअर की फसल में देरी की आशंका बढ़ी। मध्य प्रदेश में ओलावृष्टि से चना/मसूर की फसल को नुकसान की खबर। इसबीच उत्तर प्रदेश में 3 दिनों से हो रही बारिश/ओलावृष्टि से मटर को कुछ नुकसान की संभावना है।

नेफेड के आयातित मसूर की खरीद के लिए निविदा मांग जाने से हाजिर बाजार में शनिवार को इसके भाव 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तक तेज हो गए। नेफेड ने निजी आयातकों से 25000 टन आयातित मसूर की खरीद के लिए निवदिा मांगी हैं। नेफेड सतना, कटनी, इंदौर, चेन्नई, तूतीकोरिन, मुंबई, मुंद्रा, विशाखापत्तनम, काकीनाडा और हल्दिया आदि में 2500-2500 टन मसूर की खरीद करेंगी। घरेलू बाजार में देसी के मुकाबले आयातित मसूर का बकाया स्टॉक ज्यादा है, जबकि नेफेड भी आयातित मसूर की खरीद करेगी। मौसम ख़राब होने से मसूर की फसल को नुकसान और नफेड के खरीद टेंडर के चलते हाजिर बाजार में मसूर की कीमतों में तेजी आई है।

मसूर की बुआई चालू रबी सीजन में बढ़कर 17.13 लाख हजार हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इसकी बुआई 16.69 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। मसूर की नई फसल की आवक मार्च, अप्रैल में बनेगी, जबकि आयातित मसूर महंगी है, इसलिए हाजिर बाजार में इसकी कीमतों में तेजी बन सकती है। केंद्र सरकार दालों की कीमतों की लगातार निगरानी कर रही है, जबकि हाजिर बाजार में नकदी की किल्लत है। साथ ही कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर जिस तरह से राज्य सरकारें सख्ती बरत रही हैं, उसका असर भी दालों की खपत पर पड़ने का डर है। दाल मिलों की हाजिर मांग बनी रहने से दिल्ली में कनाडा और मध्यप्रदेश की मसूर की कीमतों में मजबूती जारी।

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