गेहूं की बुवाई घटी, सरसों ने लगाई ऊंची छलांग

कृषि उपज के दाम को लेकर बदलीं बाजार की स्थितियों ने किसानों (Farmers) के मन को बदलना शुरू कर दिया है. इस साल रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई घट गई है, जबकि सरसों (Mustard) की बुवाई में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है. कुल तिलहन फसलों की बुवाई में पिछले रबी सीजन (2020-21) के मुकाबले 17.93 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है. इसमें से अकेले सरसों की हिस्सेदारी 17.52 लाख हेक्टेयर की है. उधर, गेहूं की बुवाई में 4.26 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज की गई है. यानी गेहूं की फसल को छोड़कर किसानों ने इस साल सरसों पर फोकस किया है. क्योंकि जहां बाजार में आमतौर पर गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिलता वहीं सरसों की कीमत कुछ राज्यों में एमएसपी से डबल रही है.

किन राज्यों में कम हुई गेहूं की बुवाई- इस साल गेहूं के रकबे (Wheat Area) में 4.26 लाख हेक्टेयर की कमी आई है. रबी सीजन 2020-21 में 340.74 हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई थी, जबकि 2021-22 में 336.48 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया है. उत्तर प्रदेश में 1.89 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई कम हो गई है. हरियाणा में पिछले साल के मुकाबले 1.34 लाख हेक्टेयर में गेहूं कम बोया गया है. महाराष्ट्र में 1.20 लाख हेक्टेयर में गेहूं की कम बुवाई हुई है. इसी तरह मध्य प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले 1.14 लाख हेक्टेयर में कम बुवाई हुई है. गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तराखंड में भी कम गेहूं बोया गया है.

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