स्पिनिंग मिलों की मांग घटने से उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन नरम, दैनिक आवक बढ़ी
स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने के कारण उत्तर भारत के राज्यों में आज कॉटन के भाव घट गए, जबकि मंडियों में कपास की दैनिक आवकों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। उत्तर भारत के कपास उत्पादक क्षेत्रों में मौसम साफ हो गया है। विश्व बाजार में आर्थिक मंदी की आशंका से आईसीई कॉटन वायदा की कीमतें कमजोर होकर दो महीने के नीचले स्तर पर पहुंच गई। अतः घरेलू बाजार में मिलों की खरीद कमजोर होने से कॉटन की कीमतों में मंदा आया है। उत्पादक भारत के उत्पादक राज्यों में मौसम साफ है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आगामी दिनों में कपास की दैनिक आवक बढ़ेगी। धागे में स्थानीय एवं निर्यात मांग सामान्य की तुलना में काफी कमजोर है जिस कारण स्पिनिंग मिलों को कॉटन के मौजूदा भाव में डिस्पैरिटी का सामना करना पड़ रहा है। अतः मिलें इस समय केवल जरुरत के हिसाब से कॉटन की खरीद कर रही है। इसलिए घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में आगे और भी मंदा आने का अनुमान है। उत्तर भारत के राज्यों में हरियाणा एवं राजस्थान तथा पंजाब की मंडियों में नई कपास की आवक 7500 गांठ की हुई, जबकि सोमवार को आवक 3800 गांठ की हुई थी। कपास के भाव पंजाब एवं हरियाणा लाईन की मंडियों में 8,500 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए, जबकि ऊपरी राजस्थान लाईन में इसके भाव 8,600 से 9,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बिनौला के भाव पंजाब और हरियाणा लाईन में 3,350 से 3,750 रुपये एवं ऊपरी राजस्थान लाईन में 3,450 से 3,850 रुपये प्रति क्विंटल बोले गया।