स्पिनिंग मिलों की कमजोर मांग से उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन के दाम घटे, दैनिक आवक बढ़ी

स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने के कारण उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की मंडियों में शुक्रवार को कॉटन के दाम घट गए, जबकि इन राज्यों की मंडियों में दैनिक आवकों में बढ़ोतरी हुई। विदेशी बाजार में गुरूवार को कॉटन की कीमतों में गिरावट का रुख देखा गया। दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में इसके भाव 271 प्वाइंट नरम होकर भाव 75.11 सेंट रह गए, इस दौरान मार्च-23 वायदा अनुबंध में कॉटन की कीमतें 257 प्वाइंट नरम होकर 74.81 सेंट रह गई। जुलाई-23 वायदा अनुबंध में इसके दाम 191 प्वांइट नरम होकर 73.78 सेंट रह गए। हालांकि आज आईसीए के इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग में कॉटन की कीमतों में मिलाजुला रुख है। उत्तर भारत के कपास उत्पादक क्षेत्रों में मौसम साफ है। व्यापारियों के अनुसार मौसम अनुकूल होने से इन राज्यों की मंडियोंं में कपास की दैनिक आवकों में बढ़ोतरी होगी, हालांकि मिलों की खरीद में भी तेजी आयेगी। इन राज्यों की लगभग सभी मिलें चालू हो गई है, हालांकि यार्न के दाम नीचे बने हुए हैं, जिस कारण मिलों को मौजूदा भाव में भी पड़ते नहीं लग रहे हैं। इसलिए घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में और भी गिरावट आने का अनुमान है। जानकारों के अनुसार विदेशी बाजार में कॉटन की कीमतों में गिरावट बनी हुई है, जिस कारण निर्यात में भी पड़ते नहीं लगने के कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों की खरीद में अभी तेजी नहीं आई है। उत्तर भारत के राज्यों में हरियाणा एवं राजस्थान तथा पंजाब की मंडियों में नई कपास की आवक 14,500 गांठ की हुई, जबकि पिछले कारोबारी दिवस में आवक 13,000 गांठ की हुई थी। घरेलू वायदा बाजार में आज कॉटन की कीमतों में गिरावट का रुख देखा गया। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल-23 वायदा अनुबंध में कपास की कीमतें 0.48 फीसदी नरम हो गई, जबकि एमसीएक्स पर नवंबर महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन की कीमतें में 40 रुपये की गिरावट आकर भाव 29,490 रुपये प्रति गांठ रह गए। कपास के भाव पंजाब एवं हरियाणा लाईन की मंडियों में 8,000 से 8,600 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए, जबकि ऊपरी राजस्थान लाईन में इसके भाव 8,200 से 8,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बिनौला के भाव पंजाब और हरियाणा लाईन में 3,600 से 3,900 रुपये एवं ऊपरी राजस्थान लाईन में 3,700 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल बोले गया।

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