देसी चना में तेजी रहेगी कायम
देसी चना धीरे-मंडियों में शॉर्टेज में आने लगा है। दूसरी और सरकार के माल क्वालिटी में हल्के मिलने से नीचे के भाव से बाजार बढ़ने लगे है। नई फसल आने में अभी 4 महीने का समय बाकि है, उससे पहले एक बार राजस्थानी चना 500 रुपए भी बढ़ सकता है। देसी चने का सरकारी व गैर सरकारी स्टॉक काफी कम होता जा रहा है तथा सरकार द्वारा पिछले 6 महीने से खुले बाजार में सस्ते भाव पर देसी चने की बिकवाली किए जाने से बाजार टूट कर पानी-पानी हो गया था। अधिकतर कारोबारियों के गले में ऊंचे भाव के देसी चने फसे हुए थे, वह भी माल, ब्याज भाड़ा लगाकर कट चुके है। अब स्थिति यह है की महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश एव राजस्थान में जो सरकारी गोदामों में देसी चना पड़ा था, वह कागज़ो में ज्यादा है तथा हाज़िर में कम होने का आभास हो रहा है। यही कारणो से बाजार 31 दिसंबर तक 5500/5600 रुपए प्रति क्विंटल राजस्थानी चना बनने की संभावना बन गई है। वही देसी चना की बिजाई राजस्थान, मध्यप्रदेश एव महाराष्ट्र तीनो ही राज्यों में औसतन 36 प्रतिशत कम होने की खबरे आ रही है।