जीरा बाजार रिपोर्ट
ऊंझा में जीरे की कीमत हाल ही में नए-नए रिकार्ड कायम कर रही थी लेकिन अब अगले कुछ समय तक इसकी इस तेजी पर अस्थाई ब्रेक लगने के आसार नजर आने लगे हैं। इसकी प्रमुख वजह यह है कि एक तो परम्परागत तौर पर मई-जून के महीनों में जीरे की मांग सुस्त पड़ जाती है। इसके अलावा एक और प्रमुख कारण यह है कि तुर्की, सीरिया में जीरे की नई कीमत तुलनात्मक रूप से नीची खुलने की खबर है। प्राप्त जानकारी पर यदि विश्वास किया जाए तो सीरिया, तुर्की के जीरे की कीमत 5000- 5200 डॉलर प्रति टन पर खुली है। इसकी वजह से आयातकों के साथ- साथ पिसाई वालों का रुख भी इन दोनों देशों की ओर होने के आसार हैं। जीरा में आई इस नवीनतम तेजी के बाद भी किसान अपनी इस फसल की बिक्री हाथ रोककर कर रहे है। यही वजह है कि ऊंझा में जीरे की आवक बीते कुछ दिनों से 8-9 हजार बोरियों की होने की सूचना मिली। आवक तुलनात्मक रूप से नीची बनी होने का प्रमुख कारण यह है कि बीते मार्च महीने में हुई वर्षा के कारण खासकर राजस्थान में फसल को हानि हुई थी। इसके अलावा चीन समेत अन्य परम्परागत आयातक देशों की ऊंझा मंडी में जीरे में सक्रियता बनी हुई है। हालांकि कीमत सामान्य से ऊंची होने के कारण उनकी खरीद सामान्य से कमजोर बताई जा रही है।