सरसो रिपोर्ट - जुलाई में सुधार होने का अनुमान

पिछले सप्ताह घटे भाव पर कमजोर आवक और मीलों की पूछ परख बढ़ने से सरसो के भाव स्थिर से मजबूत हुए। सरकारी एजेंसियों द्वारा एमएसपी पर सरसो की धीमी खरीदारी से किसानों में नकारात्मक सन्देश जा रहा है। नाफेड ने अब तक मात्र 6.56 लाख टन सरसो एमएसपी पर खरीदारी की है जबकि लक्ष्य 25 लाख टन रखा गया था। किसान को एमएसपी से कम भाव मिलने से अगले सीज़न की बुवाई में सरसो के प्रति दिलचस्पी घट सकती है। जब तक विदेशी तेलों के भाव सरसो से सस्ते बने रहेंगे तब तक एक तरफ़ा तेजी की उम्मीद करना धोका होगा। घटे भाव पर सरसो की टाइट सप्लाई और मीलों को अपने सौदे की भरपाई करने के लिए भाव बढ़कर खरीदारी करनी पड़ेगी। फूड मिनिस्ट्री के अधिकारी ने आयातित तेलों पर इम्पोर्टेड ड्यूटी बढ़ाने से किया इंकार, घटे भाव पर मीलों की मांग और सरसो की बिकवाली घटने से सरसो में 100-150 से ज्यादा की मंदी नहीं वहीं ऊँचे भाव पर माल लेकर क्रशिंग में नुकसान से 200-250 से ज्यादा की बढ़त भी नहीं दिखती। एल-नीनो के प्रभाव से जुलाई में विदेशी खाद्य तेलों के भाव में सुधार से सरसो में सुधार देखने को मिलने।

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