कैसा रहेगा बासमती धान का बाजार ? पढ़ें रिपोर्ट।

चालू साल में बासमती चावल का निर्यात 45 लाख टन से अधिक पहुंच चुका है जो पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत ज्यादा है। इसके अलावा यदि ईरान से भुगतान का संकट हल हो जाता है तो लगभग 2 लाख टन निर्यात और बढ़ सकता है। जैसा कि हमने बताया कि बासमती के अच्छे भाव मिलने से किसानों का धान की तरफ किसानों का आकर्षण बढ़ना स्वाभाविक था ही । ठीक ऐसा ही देखने को मिला भी है। उत्तर प्रदेश में 1509 साठी धान की बुवाई पिछले साल से लगभग डबल बतायी जा रही है। ऐसे में बम्पर उत्पादन होने की संभावना बन रही है। हालांकि तैयार फसल पर बरसात से फली को नुक्सान हुआ है और उत्पादन में थोड़ी बहुत कमी भी हो सकती है । इसके बावजूद भी हमारा मानना है कि उत्पादन अच्छा रहेगा। 1509 साठी धान की बढ़ी बुवाई और अधिक उत्पादन के अनुमान के चलते बासमती 1509 के भाव नीचे की तरफ जा रहे हैं। बासमती 1509 सेला चावल का रेट 7200 से 7300 के आसपास रह गया है। जबकि 1121 सेला 8000 और स्टीम 9000-9100 रु के आसपास कारोबार कर रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सीज़न के दौरान बासमती 1121 स्टीम का भाव 9900 तक उछल गया था। मई के महीन में ज्यादा बारिश होने के कारण अलग अलग एजेंसियों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले सीजन में मानसून कमजोर रह सकती है। साथियो मानसून के कमजोर रहने का धान की आने वाली फ़सल पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है । बाजार में उत्पादन घटने की धारणा बन रही है। जब तक बाजार में मानसून के कमजोर रहने की खबरें चल रही हैं तब तक बाजार में और मंदा आने की संभावना कम है।

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