दलहन बाजार रिपोर्ट - कैसा रहेगा आने वाले दिनों में बाजार !!
देसी चना - जल्द 7000 देसी चने में उत्पादक मंडियों से कोई पड़ते नहीं लग रहे हैं, दूसरी ओर सरकार की दहशत से पहले ही स्टॉक के माल कट चुके हैं। गत 2-3 वर्ष के नुकसान को देखकर कारोबारी अपने माल को काटते चले गए हैं, क्योंकि सरकार द्वारा समर्थन मूल्य से 500/600 रुपए प्रति क्विंटल मंदे में माल बेचा गया था, इस वजह से सीजन में 5900 रुपए प्रति क्विंटल का देसी चना कारोबारियों को 5000 रुपए में काटना पड़ा था। इन कारणों से माल की कमी बनी हुई है, जिससे इसके भाव 6500 रुपये हो गए हैं तथा जल्दी 7000 रुपए जल्दी बन सकते हैं। काबुली चना - बाजार तेज़ रहने का अनुमान काबुली चने के ऊंचे भाव हो गए हैं, जिससे मुनाफावसूली बिकवाली कारोबारी कर रहे हैं, लेकिन उत्पादक और खपत दोनों ही मंडियों में माल की कमी होने से वर्तमान भाव में रिस्क नहीं लग रहा है। गत 5 दिन पहले 125 रुपए प्रति किलो महाराष्ट्र का माल बिकने के बाद हाजिर माल की कमी से 127/128 रु प्रति किलो हो गया है। इंडियन मैक्सिको माल भी मंडियों में काफी कम है, उत्पादक मंडियों से माल कम आ रहे हैं, क्योंकि वहीं पर निर्यातक माल खरीद रहे हैं, इन परिस्थितियों में बाजार आगे चलकर और तेज हो जाएगा। उड़द - बाजार तेज़ रहने की संभावना मध्यप्रदेश में उड़द आ रही थी, वह पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। शिवपुरी लाइन की कोई उड़द नहीं है, महाराष्ट्र के लातूर उदगीर लाइन का कोई माल नहीं बचा है। इधर चेन्नई से आने वाली उड़द पड़ते में काफी महंगी लग रही है तथा यहां पाइपलाइन में माल नहीं है, किसी भी दाल मिलों के पास उड़द का स्टॉक नहीं है। यही कारण है कि नीचे में 9400 रुपए एक दिन पहले बिककर 9450 रुपए प्रति क्विंटल एसक्यू बिक गई है तथा यहां से अभी और तेजी लग रही है। मूंग - ज्यादा घट - बढ़ नहीं मूंग के भाव उत्पादक मंडियों में ऊंचे जरूर बोल रहे हैं, क्योंकि किसानों द्वारा फसल कम की हवा में माल रोक लिया गया है। पिछले दिनों की आई भारी तेजी के बाद गत एक सप्ताह के अंतराल ग्राहकी कमजोर होने से बाजार टूट गए हैं। कारोबारियों के दिमाग में तेजी बनी हुई है, जिससे और ज्यादा घटने वाली बात निकट में नहीं है, लेकिन यह भाव काफी ऊंचे चल रहे हैं, जो आगे चलकर दुखदाई हो सकते हैं। इस समय दिल्ली में राजस्थान यूपी एवं झारखंड के माल 8000 से 9000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बिक रहे हैं। आंध्र प्रदेश कर्नाटक में ऊंचे भाव हैं, जिससे वहां का माल लोड नहीं हो रहा है, इन परिस्थितियों में अभी ज्यादा और नहीं घटेगी तथा शॉर्ट सप्लाई में बाजार थोड़ा टेंपरेरी बढ़ा सकते हैं। तुवर - केंद्रीय पूल में भी ज्यादा स्टॉक नहीं सरकार की दहशत से भाव नीचे में हाल ही 115 रुपए बनने के बाद 116 रुपए पर व्यापार हो गया। पिछले सप्ताह मुनाफावसूली बिकवाली से 120 से गिरकर 115 रुपए का व्यापार सुना गया था। चेन्नई मुंबई कहीं से माल नहीं मिलने से एक बार फिर सटोरिये एवं स्टॉकिस्ट दोनों ही लिवाली करने लगे हैं, जिसके चलते बाजार छलांग लगाकर 120 रुपए की ऊंचाई को पार कर सकता है। पिछले दिनों सरकार द्वारा पिछले दिनों यह घोषणा की गई थी कि बफर स्टॉक से खुले बाजार में बिक्री की जाएगी, जबकि केंद्रीय पूल में भी ज्यादा स्टॉक नहीं है, इसे देखते हुए तुवर के भाव अभी और बढ़ जाएंगे। मसूर - तेज़ी में अभी थोड़ा समय बाकी मुंगावली-गंजबासौदा लाइन की मसूर अभी खपत के अनुरूप मिल रही है, क्योंकि इस बार उत्पादन अधिक हुआ है। दूसरी ओर कोई भी स्टॉकिस्ट इन भावों में लिवाल नहीं है। इधर दाल मिलें मलका व दाल की बिक्री के हिसाब से ही खरीद रही है, जिससे बाजार 6680/6700 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में पूरे सप्ताह समान पड़ा रहा। मुंदड़ा लाइन के पुराने माल 6405 / 6410 रुपए बोल रहे हैं, लेकिन उन मालों में भी कोई विशेष लिवाली नहीं है, इन परिस्थितियों में तेजी थोड़ी समय के लिए आएगी। मटर - 500 रुपए की और बढ़त संभव मटर की आवक मध्य प्रदेश एवं यूपी के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की मंडियों में घट गई है। दूसरी ओर अन्य दालें महंगी होने से इसका निरंतर लिवाली चालानी में बनी हुई है। कानपुर लाइन में माल की कमी से बाजार तेज चल रहे हैं। दूसरी ओर पहले के बिके हुए माल असम, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड में लगभग निबट चुका है। तुवर दाल महंगी होने से मटर की खपत बंगाल एवं असम में बढ़ गई है, इन परिस्थितियों को देखते हुए जो भाव वर्तमान में चल रहे हैं, इसमें बाजार अभी 500 रुपए और बढ़ जाएंग।