मक्का : इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों की मांग घटी
बीते सप्ताह से अब तक मक्के की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है। रोजाना 2000~3000 बोरी आवक के साथ सांगली में मक्का का भाव 2400/क्विंटल पर स्थिर रहा है। पोल्ट्री से मांग कमजोर है, लेकिन फूड प्रोसेसिंग और स्टार्च की डिमांड बनी हुई है। बीते समय इथेनॉल के चलते कंपनियों की ओर से अच्छी डिमांड थी, जिस वजह से कीमतों में बढ़त थी। इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों की ओर से अब मांग घट गई है . इन दिनों बाजार में जरुरत अनुसार डिमांड देखी जा रही है। रबी मक्के की बुवाई इस साल पिछले साल के मुकाबले बढ़कर 23.08 लाख हेक्टेयर हो गई है. कर्नाटक में 10 मार्च से मक्के की नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। इस साल कर्नाटक में बुवाई पिछले साल समान ही हुई है। नई फसल के आने पर प्लांट की ओर से नया मक्का स्टॉक किया जाएगा। कर्नाटक की दूसरी फसल में आवक सिमित रहती है, जिससे कीमतों में 50~ 100 रुपये का उतार-चढ़ाव बना रहता है। कर्नाटक के मक्के का रंग हल्का लाल रहता है. क्वालिटी भी अच्छी रहती है।सुपीरियर क्वालिटी के मक्के की आवक अथानी, महालिंगपुर, चिकोडी और रैबार इन लोकल बेल्ट से होती है। कर्नाटक के अन्य रीजन की क्वालिटी अच्छी होती है, परंतु लोकल ब्लेट की क्वालिटी बेस्ट होती है। व्यापारियों अनुसार, नई फसल की आवक आने तक कीमते लगभग स्थिर रहेंगी