गेहूं: कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद

इस हफ्ते सिमित डिमांड के चलते दिल्ली में गेहूँ के भाव 2650~2600 के दायरे में रहे. मिलर्स की ओर से गेहूँ में डिमांड अच्छी है सरकारी टेंडर इस हफ्ते उचे भाव में गए है। इस हफ्ते दिल्ली में टेंडर मायापुरी एवं घेवरा से टेंडर क्रमश 2125/क्विंटल एवं 2325/क्विंटल के भाव गया है। आटा, रवा एवं मैदा में डिमांड अच्छी बनी है। नए गेहूँ की आवक गुजरात के कोडिनार, राजकोट एवं जूनागढ़ लाइन में शुरू हो गयी है। फ़िलहाल नये गेहूँ में 10~18 प्रतिशत नमी है। गुजरात लाइन में नए गेहूँ का व्यापार 400~600/20 किलो के भाव हो रहा है। आनेवाले दिनों में आवक का दबाव बढ़ेगा। हरियाणा एवं पंजाब एवं बाकि राज्यों से नयी फसल की आवक अप्रैल माह से शुरू होगी इस वर्ष गेहूँ का रकबा बढा है। हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में इस साल गेहूँ की पैदावार में कम से कम सात से 10 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद हैं. गेहूँ का रकबा बढ़कर 341.57 लाख हेक्टेयर होने के साथ रबी की बुआई पूरी हो गई. कुछ क्षेत्रो में गेहूँ की बुवाई कमजोर रहने की खबरे है। इस वर्ष गुजरात, एवं मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों जैसे अशोकनगर, गुना, विदिशा, हरदा लाइनो में बारिश की कमी के चलते बुवाई कम हुई है। गेहूँ के जगह किसानो ने चना, मसूर, बटरी, काबुली जैसे फसलों का विकल्प चुना है। इस बार केवल थोक विक्रेताओं और बड़ी श्रृंखलाओं पर अंकुश लगाया गया है। खुदरा विक्रेताओं को इससे छूट दी गई है। पहले जहां बड़ी श्रृंखला के किसी भी खुदरा दुकान या थोक विक्रेता के पास 1000 टन गेँहू रखने की अनुमति थी। अब उसे घटाकर 500 टन कर दिया गया है आनेवाले दिनों में नए गेहूँ की आवक सभी मंडियों में शुरू हो जाएगी। जिसके चलते भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद कम है। भाव स्थिर रहने का अनुमान है .

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