सरसों का बिजाई क्षेत्र बढ़कर 100.40 लाख हेक्टेयर के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर

चालू रबी सीजन के दौरान सरसों का बिजाई क्षेत्र तेजी से बढ़कर 100.40 लाख हेक्टेयर के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है और इसका उत्पादन भी नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। कुछ इलाकों में नई फसल की कटाई-तैयारी एवं मंडियों में आवक शुरू हो गई है जबकि अन्य क्षेत्रों में उत्पादक एवं स्टॉकिस्ट अपना माल उतारने का प्रयास कर रहे हैं। इसके फलस्वरूप सरसों की क़ीमतों में 2 से 8 फरवरी वाले सप्ताह के दौरान मिश्रित रूख देखा गया। मध्य प्रदेश में सरसों की कीमत 100 रुपए बढ़कर 5000/5100 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंची मगर ग्वालियर में 100 रुपए गिरकर 5000 रुपए प्रति क्विंटल रह गई। सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में सरसों के दाम में मिश्रित रुख देखा गया। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सरसों का भाव गंगानगर मंडी में 170 रुपए लुढ़ककर 4700/4980 रुपए प्रति क्विंटल पर आया लेकिन अलवर में 100 रुपए एवं भरतपुर में 80 रुपए बढ़ गया। बूंदी में भाव 200 रुपए तेज रहा जबकि नेवाई एवं टोंक में 90-90 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश की हापुड़ तथा आगरा मंडी में सरसों का दाम 100-100 रुपए बढ़कर क्रमश: 5600 रुपए प्रति क्विंटल एवं 5825/6050 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। सरसों तेल: सरसों की कीमतों में आई तेजी के असर से सरसों तेल का दाम भी 10-20 रुपए सुधर गया। दिल्ली में एक्सपेलर का भाव 25 रुपए बढ़कर 1010 रुपए प्रति 10 किलो, लुधियाना में 30 रुपए बढ़कर 1010 रुपए प्रति 10 किलो तथा भरतपुर में 10 रुपए सुधरकर 1000 रुपए प्रति 10 किलो पर पहुंचा। कच्ची हगांई सरसों तेल का भाव हापुड़ में 130 रुपए उछलकर 1110/1130 रुपए प्रति 10 किलो पर तथा कोलकाता में 20 रुपए बढ़कर 1090 रुपए प्रति 10 किलो हो गया। देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में सरसों की आवक 2 फरवरी को 2.65 लाख बोरी, 3 फरवरी को 3.00 लाख बोरी, 5 फरवरी को 3.15 लाख बोरी, 6 फरवरी को 3.35 लाख बोरी, 7 फरवरी को 3.50 लाख बोरी एवं 8 फरवरी को 3.80 लाख बोरी दर्ज की गई। प्रत्यके बोरी 50 किलो की होती है।

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