चना बाजार रिपोर्ट

पिछले हफ़्ते कमजोर डिमांड के कारण दिल्ली में चना के भाव 250 रुपए घटकर 6000 रुपए पर आ गए। आवक के दबाव से लोकल मंडियों में भी भाव 200~300 रुपए घटे। आवक का दबाव महाराष्ट्र एवं गुजरात की मंडियों में अच्छा है। आनेवाले 15 दिनों में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान की मंडियों में भी आवक का दबाव बढ़ेगा। जिसके चलते चने में गिरावट का अनुमान है। गुजरात में मल्टीनेशनल कंपनीयो की लिवाली अच्छी है। किसानो की बिकवाली भी अच्छी है। रिपोर्ट के अनुसार, आनेवाले 20 दिनों में गुजरात से आवक का दबाव कम हो सकता है। इस साल चने की बुआई 30~35 फीसदी कम हुई है। कई इलाकों में बारिश से फसलों को भी नुकसान की खबरे है। पर दूसरे अग्रिम अनुमान में सरकार ने चालू सीजन (2023-2024) में उत्पादन का अनुमान सिर्फ एक लाख मीट्रिक टन घटाकर 121.61 लाख मीट्रिक टन कर दिया है, लेकिन वास्तविक गिरावट इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। मंडी भाव उचे रहने से सरकार की बिकवाली कमजोर रह सकती है। अगले महीने से सरकार द्वारा चना की खरीदी शुरू हो सकती है। पर मंडी भाव और सरकारी भाव से उचे है। इस बार एमएसपी भाव पर किसानो की बिकवाली कमजोर रह सकती है। राजस्थान में समर्थन मूल्य पर चने की खरीद 1 अप्रैल से शुरू हो सकती है। किसान 16 मार्च से रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। इस साल चुनाव के कारण सरकार महंगाई काबू में रखने का प्रयास करेगी। पर अगर सरकार कुछ कदम नहीं उठाती है तो जून-जुलाई तक दिल्ली चना के भाव एक बार 7000 प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते है। चने का भविष्य इस वर्ष मजबूत है।

Insert title here