स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन मंदी, दैनिक आवक बढ़ी

स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर बनी रहने के कारण उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की मंडियों में लगातार दूसरे दिन कॉटन की कीमतों में मंदा आया, जबकि इन राज्यों की मंडियों में कपास की दैनिक आवकों में सुधार हुआ। आईसीई कॉटन वायदा के भाव में बुधवार को दूसरे दिन भी गिरावट का रुख रहा था। मई-24 वायदा अनुबंध में इसके दाम 1.83 सेंट कमजोर होकर 88.98 सेंट रह गए। जुलाई-24 वायदा अनुबंध में इसके दाम 1.53 सेंट घटकर भाव 90.18 सेंट रह गए। दिसंबर-24 वायदा अनुबंध में इसके दाम 0.20 सेंट कमजोर होकर भाव 84.10 सेंट रह गए। हालांकि आज आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में कॉटन की कीमतों में मिलाजुला रुख हैं। उत्तर भारत के कपास उत्पादक क्षेत्रों में मौसम साफ हैं। व्यापारियों के अनुसार विश्व बाजार में बुधवार को लगातार दूसरे दिन कॉटन की कीमतों में तीन अंकों की गिरावट आई थी, जिस कारण घरेलू बाजार में भी स्पिनिंग मिलों की खरीद कम हो गई। हालांकि इन राज्यों की स्पिनिंग मिलों के पास कॉटन का बकाया स्टाक कम है, साथ ही जिनर्स भी नीचे दाम पर बिकवाली नहीं करना चाहते। इसलिए कॉटन की मौजूदा कीमतों में बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है। इन राज्यों में किसानों के पास कपास का बकाया स्टॉक नहीं के बराबर बचा हुआ है। इन राज्यों में कपास के दाम स्थिर गए, जबकि बिनौला की कीमतों में मंदा आया है। इन राज्य की उत्पादक मंडियों में कपास की आवक 4,600 गांठ, एक गांठ-170 किलोग्राम की हुई, जबकि पिछले कार्यदिवस में आवक 4,400 गांठ की हुई थी। कपास के भाव पंजाब एवं हरियाणा लाईन की मंडियों में 6,600 से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए, जबकि ऊपरी राजस्थान लाईन में इसके भाव 6,700 से 7,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

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