वायदा एवं हाजिर बाजारों में जीरे के भाव मंदे, किसानों ने माल रोका

अधिक उत्पादन के कारण बाजार में फिलहाल धारणा तेजी की नहीं होने से हाजिर में जीरे का लिवाल कम रहा। जिस कारण से हाजिर वायदा एवं हाजिर बाजारों में जीरे के भाव मंदे के साथ बोले गए हैं। सूत्रों का मानना है कि वर्तमान में किसानों द्वारा बिकवाली से हाथ रोक लिए जाने के कारण आगामी दिनों में मंडियों में जीरे की आपूर्ति बराबर बनी रहेगी। जिस कारण से बाजार में तेजी की संभावना नहीं है। बाजार सूत्रों का कहना है कि अभी बाजार में 2/5 रुपए का मंदा तेजी बना रहेगा। मंदा-तेजी बना रहेगा। मंदा-तेजी का अनुमान टर्की, सीरिया की फसल आने के पश्चात लगाया जाएगा। उपरोक्त देशों में नए जीरे की आवक जून-जुलाई माह में शुरू होगी। अधिक पैदावार के कारण मार्च माह के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात की मंडियों में जीरे की दैनिक आवक 1 लाख बोरी से अधिक की हो गई थी जोकि वर्तमान 40/50 हजार बोरी की रह गई है। यही राजस्थान की मंडियों की भी रही। पूर्व में राजस्थान की मेड़ता एवं नागौर मंडी में जीरे की दैनिक आवक 8/10 हजार बोरी दैनिक आवक होने लगी थी लेकिन लगातार गिरते भावों के कारण वर्तमान में आवक होने लगी थी लेकिन लगातार गिरते भावों के कारण वर्तमान में आवक घटकर 2500/3000 बोरी की रह गई है। उत्पादन अनुमान: गत वर्ष देश में जीरा उत्पादन 55/60 लाख बोरी का रहा था जोकि इस वर्ष 1 करोड़ से अधिक होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जीरे की वर्तमान कीमतों में अब अधिक मंदे की संभावना नहीं है क्योंकि अधिक पैदावार का बाजार में मन्दा आ चुका है और मंडियों में भाव घटकर 200/250 रुपए पर आ गए हैं जोकि गत वर्ष ऊंचे में 620/630 रुपए बन गए थे व्यापारियों का कहना है कि अभी जीरे के भाव सीमित दायरे में बने रहेंगे और अप्रैल-मई के दौरान कीमतें 3/5 रुपए ऊपर-नीचे चलती रहेगी। क्योंकि कीमतों में सुधार होने के साथ ही मंडियों में आवक बढ़नी शुरू हो जाएगी और भाव फिर घट जायेंगे। अधिक पैदावार के कारण चालू सीजन के दौरान जीरे की आपूर्ति पूरे वर्ष अच्छी बनी रहेगी। कीमते कम होने के कारण इस वर्ष जीरा का निर्यात गत वर्ष की तुलना में अधिक रहने की संभावना है। गत वर्ष रिकॉर्ड तेजी आने के कारण जीरे का निर्यात प्रभावित हुआ था और आयातकों को आयात का सहारा लेना पड़ा, ताकि बढ़ती कीमतों पर अंकुश लग सके। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसम्बर – 2023 के दौरान जीरे का निर्यात 106905 टन का किया गया जबकि अप्रैल-दिसम्बर- 2022 में निर्यात 146089.95 टन का किया गया था। भाव घटने के कारण जनवरी-2024 के दौरान जीरे का निर्यात 14094 टन का हुआ जबकि जनवरी 2023 में निर्यात 9325 टन का रहा था।

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