देसी चना रिपोर्ट

देसी चने में पिछले महीने के अंत में 700/750 प्रति क्विंटल की उल्लेखनीय तेजी आ गई थी। जो देसी चना 20 मई के आसपास 6800 रुपए बिका था, वह अब 7500/7550 रुपए लॉरेंस रोड पर खड़ी मोटर में बिक गया। उसके बाद मुनाफावसूली बिकवाली चलने से पिछले एक सप्ताह के अंतराल घटकर 7050 रुपए रह गया है। अब इन भावों में उत्पादक मंडियों से पड़ते नहीं है। गौरतलब है कि इस बार देसी चने की बिजाई मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश सहित सभी उत्पादक राज्यों में 40 प्रतिशत कम हुई थी तथा मौसम भी प्रतिकूल होने से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता कम बैठी है। यही कारण है की देसी चने का उत्पादन 65-67 लाख मीट्रिक टन के करीब रह गया है। किसानों एवं मंडियों के व्यापारियों के मुताबिक मड़ाई के बाद किसी भी महीने में चने का प्रेशर नहीं दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर पुराना स्टॉक भी इस बार सरकारी व गैर सरकारी गोदामों में काफी कम हो पाया है, जिस कारण दाल मिलों को अभी से मिलिंग के लिए माल मिलना मुश्किल हो गया है। हमारा मानना है कि कम समय में देसी चने में 1250 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आने पर एक बार करेक्शन आना स्वाभाविक है, लेकिन सकल उत्पादन में कमी तथा आयात पड़‌ता महंगा होने से बाजार आगे चलकर 1000 रुपए पुनः बढ़ सकता है। गौरतलब है कि भारत में ही देसी चने की खपत अन्य देशों की अपेक्षा अधिक होती है, इसे देखकर विदेशों के निर्यातक बढ़ाकर कीमतें बोलने लगे हैं। अतः घरेलू देसी चने में मंदे की संभावना नहीं है। मध्य प्रदेश महाराष्ट्र एवं राजस्थान की मंडियों में देसी चने की आवक टूट गई है तथा निकट में कोई फसल आने वाली नहीं है। अतः वर्तमान भाव के देसी चने में पुनः लाभ मिल सकता है।

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