भारत में म्यांमार से नियमित रूप से भारी मात्रा में उड़द का आयात हो रहा,जिससे उड़द के भाव कमजोर

भारत में म्यांमार से नियमित रूप से भारी मात्रा में उड़द का आयात हो रहा है, जिससे उड़द के भाव में कमजोरी देखने को मिल रही है। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई 2024) के दौरान भारत में उड़द का आयात बढ़कर 2,56,317 टन पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के वास्तविक आयात 1,31,951 टन से 1,24,366 टन अधिक है। इसी अवधि में, अप्रैल में उड़द का आयात 25,016 टन से बढ़कर 55,436 टन, मई में 31,625 टन से बढ़कर 77,775 टन, जून में 40,985 टन से बढ़कर 74,373 टन, और जुलाई में 34,325 टन से बढ़कर 48,733 टन हो गया है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कुल 6,24,222 टन उड़द का आयात किया गया, जो वर्ष 2022-23 के आयात 5,24,813 टन और वर्ष 2021-22 के आयात 6,11,611 टन से अधिक है। इसके पूर्व वित्त वर्षों में, 2020-21 में 3,44,790 टन और 2019-20 में 3,12,078 टन उड़द का आयात हुआ था। भारत में उड़द का अधिकांश आयात म्यांमार से होता है, जबकि थोड़ा बहुत आयात ब्राजील और थाईलैंड से भी किया जाता है। जुलाई 2024 के दौरान भारत में कुल 48,733 टन उड़द का आयात होने का अनुमान है, जिसमें म्यांमार से 47,197 टन, ब्राजील से 1,386 टन और थाईलैंड से 150 टन का आयात शामिल है। इसमें से चेन्नई बंदरगाह पर 42,399 टन, जेएनपीटी पर 4,209 टन और कोलकाता बंदरगाह पर 2,125 टन उड़द का आयात किया गया है। म्यांमार से उड़द का आयात नियमित रूप से जारी रहेगा। खरीफ कालीन उड़द का बिजाई क्षेत्र पिछले वर्ष की तुलना में कुछ पीछे चल रहा है, और 2 अगस्त 2024 तक इसका कुल उत्पादन क्षेत्र 25.96 लाख हेक्टेयर पर पहुंच सका है, जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 26.21 लाख हेक्टेयर से 25,000 हेक्टेयर कम है।

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