सरसों रिपोर्ट

पिछले सप्ताह, जयपुर में सरसों सोमवार को ₹6100 प्रति क्विंटल पर खुली और शनिवार शाम को ₹6075 प्रति क्विंटल पर बंद हुई। सप्ताह के दौरान मांग कमजोर रहने के कारण सरसों की कीमतों में ₹25 प्रति क्विंटल की गिरावट आई। नाफेड की बिक्री और सरसों तेल व खल में कमजोरी के चलते सरसों पर दबाव रहा। मंडियों में सीमित आवक और नाफेड की धीमी बिक्री के चलते जयपुर सरसों ने अब तक ₹6025 का सपोर्ट बनाए रखा है। राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश के कारण सरसों की आवक में कमी आई है। किसानों द्वारा माल की आवक घटाने से मिलों को सप्लाई कम हो रही है। नाफेड की बिक्री भी उम्मीद से कम रही, जिससे बिकवालों की कमी हो गई है। मिलों को माल की कमी के कारण उन्हें अधिक दाम पर खरीदारी करनी पड़ रही है। नाफेड ने अब तक राजस्थान में केवल लगभग 19500 टन सरसों बेची है। नाफेड की बिक्री बढ़ने से सरसों में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। वहीं, सरसों तेल की ऊंची कीमतों से डिमांड कमजोर रही है। सरसों तेल में ₹1 से ₹1.5 प्रति किलो की बढ़त संभव है, लेकिन डिमांड का समर्थन न मिलने से यह तेजी टिकाऊ नहीं होगी। सितम्बर तक सरसों तेल में ₹4-5 प्रति किलो की गिरावट की संभावना है। पैरिटी न होने के कारण अधिकांश मिलें बंद पड़ी हैं और केवल बड़े मिल ही चल रहे हैं। मौसम खुलने पर माल की आवक बढ़ने से कीमतों पर असर पड़ सकता है, इसलिए लंबी अवधि की तेजी की संभावना कम है। नाफेड की बिक्री के दबाव में सरसों में जो गिरावट आएगी, वह स्टॉकिस्टों को खरीदारी का एक मौका देगी। दिवाली से पहले सरसों की कीमतों में ₹250-300 और सरसों तेल में ₹7-8 प्रति किलो की तेजी देखने को मिल सकती है। खरीदारी के लिए अगस्त के अंत से सितम्बर के मध्य तक प्रतीक्षा करनी चाहिए; तब तक रूटीन व्यापार पर ध्यान दें।

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