उम्मीद के अनुरूप मक्का के क्षेत्रफल में भारी इजाफा लेकिन बाजरा का रकबा पीछे
पॉल्ट्री फीड, पशु आहार तथा स्टार्च निर्माण के साथ-साथ अब एथनॉल उत्पादन के लिए भी मक्का की जबरदस्त मांग होने और कीमतों में तेजी-मजबूती का रूख जारी रहने से इसके बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद की जा रही थी और उसके अनुरूप वर्तमान खरीफ सीजन में इस महत्वपूर्ण मोटे अनाज का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 87.25 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल के बिजाई क्षेत्र 81.25 लाख हेक्टेयर से 6 लाख हेक्टेयर ज्यादा था। इससे पूर्व वर्ष 2022 में इसका क्षेत्रफल 80.20 लाख हेक्टेयर तथा 2021 में 79 लाख हेक्टेयर रहा था। उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि देश के लगभग सभी प्रमुख उत्पादक प्रांतों में इस बार मक्का के बिजाई क्षेत्र में इजाफा हुआ है कि देश के लगभग सभी प्रमुख उत्पादक प्रांतों में इस बार मक्का के बिजाई क्षेत्र में इजाफा हुआ है। केन्द्र सरकार ने 2024-25 सीजन के लिए मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6.5 प्रतिशत बढ़ाकर 2225 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। इससे भी किसानों को प्रोत्साहन मिला है। यह तथ्य भी महत्वपूर्ण है कि सरकार अपनी एजेंसी के माध्यम से एथनॉल निर्माताओं को आपूर्ति के लिए किसानों से समर्थन मूल्य पर भारी मात्रा में मक्का खरीदने की योजना बना रही है। इससे उत्पादकों को औने-पौने दाम पर अपना मक्का खुले बाजार में बेचने के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा। दूसरी ओर बाजरा का बिजाई पिछले साल के 69.70 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 66.90 लाख हेक्टेयर पर अटक गया। कुछ राज्यों में किसानों ने बाजरा के बाजए मक्का की खेती को प्राथमिकता दी है। पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन में ज्वार का उत्पादन क्षेत्र 13.75 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 14.60 लाख हेक्टेयर तथा रागी का रकबा 7.05 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 7.55 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।