खरीफ फसलों की बुआई 1065 लाख हेक्टेयर के पार

चालू 2024-25 खरीफ (ग्रीष्म) सत्र में अब तक धान की खेती का रकबा 4.29 प्रतिशत बढ़कर 394.2 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है। एक साल पहले की समान अवधि में यह रकबा 378 लाख हेक्टेयर था। कृषि मंत्रालय के अनुसार, धान की बुआई जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है और अक्टूबर में कटाई की जाती है। इसके अतिरिक्त, 27 अगस्त तक दलहन की बुआई का रकबा बढ़कर 122.1 लाख हेक्टेयर हो गया है। अरहर की बुआई पूरी हो चुकी है। उड़द की बुआई का रकबा 29 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले वर्ष यह 30.8 लाख हेक्टेयर था। मोटे अनाज और श्री अन्न (बाजरा) की बुआई का रकबा एक साल पहले की समान अवधि के 177.5 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 185.5 लाख हेक्टेयर हो गया है। मक्का का रकबा 81.2 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 87.2 लाख हेक्टेयर हो गया है। तिलहन की बुआई का रकबा इस खरीफ सत्र में मामूली रूप से बढ़कर 188.3 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 187.3 लाख हेक्टेयर था। नकदी फसलों में गन्ने की बुआई का रकबा 57.1 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 57.6 लाख हेक्टेयर हो गया है। कपास का रकबा 122.7 लाख हेक्टेयर से घटकर 111.3 लाख हेक्टेयर हो गया है, और जूट-मेस्ता का रकबा 6.56 लाख हेक्टेयर से घटकर 5.70 लाख हेक्टेयर हो गया है। सभी खरीफ फसलों की कुल बुआई का रकबा पिछले वर्ष की समान अवधि के 1044.8 लाख हेक्टेयर की तुलना में दो प्रतिशत से थोड़ा अधिक बढ़कर 1065 लाख हेक्टेयर हो गया है। वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय है और विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी वर्षा दर्ज की गई है।

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