चावल की कीमतों में गिरावट का रुख
पिछले दो महीने में विदेशी बाजारों में चावल के भाव तेज हुए हैं लेकिन भारतीय बाजारों में बासमती से लेकर गैर बासमती चावल और धान की हालत खस्ता बनी हुई है। पिछले साल के मुकाबले बासमती धान और गैर बासमती के भाव 25% तक कमजोर चल रहे हैं। बासमती धान में 1509, 1692 और 1847 की आवक फिलहाल हो रही है जिसके भाव 2600 से 2800 के बीच चल रहे हैं। गैर बासमती धान में पीआर जैसी किस्मों के भाव 2000 के आसपास भी नहीं मिल रहे। किसान इसे सरकार की नीतियों में कमी बता रहे हैं। एक तरफ जहां भारतीय सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य 950 डालर का निर्धारण किया हुआ है वही दूसरी तरफ सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाया हुआ है जिसके चलते भारतीय बाजारों में दोनों तरह के चावल की सप्लाई बढ़ गई है। यही वजह है कि बासमती और गैर बासमती दोनों तरह के धान और चावल के भाव कमजोर चल रहे हैं। चावल की मांग बढ़िया है। भारत ने साल 2023-24 में बासमती चावल के निर्यात में नए रिकार्ड बनाए हैं। इतना सब होने के बाद भी घरेलू बाजार में धान के भाव कमजोर रहने के कारण किसान अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। थाइलैंड में गैर बासमती चावल के भाव पिछले दो हफ्तों में काफी तेजी पकड़ चुके हैं। बीते सप्ताह एशियाई बाजार में थाई चावल की निर्यात कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह वृद्धि दो महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। कारोबारियों और विश्लेषकों का मानना है कि इस वृद्धि का मुख्य कारण वैश्विक बाजार में बढ़ती मांग और बंगलादेश में बाढ़ के कारण आपूर्ति को लेकर बढ़ती चिंताएं हैं। खासकर, थाईलैंड का 5 प्रतिशत टूटे चावल, जो कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सबसे अधिक मांग वाला चावल है, की कीमत बढ़कर 580 डॉलर प्रति टन हो गई है, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 10 डॉलर अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि मुद्रा विनिमय दर में बदलाव और वैश्विक बाजार में मजबूत मांग के कारण चावल की कीमतों में यह तेजी आई है। हालांकि, बाजार में अभी भी कुछ सुस्ती देखी जा रही है और ज्यादातर पुराने ऑर्डर की डिलीवरी ही की जा रही है। बंगलादेश में बाढ़ के बावजूद, थाईलैंड में जलस्तर अच्छा होने के कारण आपूर्ति को लेकर कोई गंभीर चिंता नहीं है। यह वृद्धि थाईलैंड के चावल निर्यातकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन साथ ही यह वैश्विक खाद्य बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी का भी संकेत है। बंगलादेश में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ के कारण चावल की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है। इस बाढ़ से धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है और देश में चावल की आपूर्ति प्रभावित हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में चावल की कीमतें और भी बढ़ सकती हैं। वियतनाम में भी चावल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। वियतनाम फूड एसोसिएशन के अनुसार, वियतनाम के 5% टुकड़ा चावल की कीमत पिछले सप्ताह की तुलना में 578 डॉलर प्रति टन ही बनी हुई है। मेकांग डेल्टा स्थित एक कारोबारी ने बताया कि हाल ही में हुए लंबे सप्ताह के अवकाश के कारण व्यापारिक गतिविधियां धीमी रही हैं। बंगलादेश में बाढ़ के कारण हुई तबाही ने न केवल लोगों के जीवन को प्रभावित किया है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डाला है। चावल की कीमतों में वृद्धि से आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।